सीपत एन.टी.पी.सी के एक महिला की गंभीर शिकायत: ताले लग सकते हैं आई बी एफ क्लिनिको पर। इंफेक्टेड स्पर्म का उपयोग: कलेक्टर डॉ मित्तर के पास होगी शिकायत: तपन गोस्वामी[ एडिटर इन चीफ]
बिलासपुर (05 जनवरी2022) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] राज्य के प्रायः हर बड़े शहरों में डॉक्टरों द्वारा करोड़ों रुपए इन्वेस्ट कर आईवीएफ अर्थात [इन विट्रो फर्टिलाइजेशन] के निजी क्लीनिक खोले गए। अब ऐसे क्लिनिको की भरमार हो गई है। ये आईवीएफ सेंटर उन महिलाओं को कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से संतान सुख उपलब्ध करवाती है जो महिलाएं प्राकृतिक रूप से संतान उत्पत्ति में अक्षम है। परंतु अब इन आईवीएफ क्लीनिक में महिलाओं के भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए उन्हें ठगा जा रहा है। ऐसे ही एक प्रकरण सीपत एन टी पी सी के एक महिला के साथ घटित हुई। महिला ने अपना नाम प्रकाशित न करने के शर्त पर जो भी बातें बताएं वह काफी चौंकाने वाली है। उन्होंने बिलासपुर स्थित एक आईवीएफ क्लीनिक एवं रायपुर के एक आईवीएफ क्लीनिक के खिलाफ शिकायत करने की तैयारी में है। महिला का कहना है कि विवाह पश्चात वह काफी समय निसंतान थी एक विज्ञापन में उन्होंने बिलासपुर स्थित एक आई बी एफ क्लीनिक के विषय में जानकारी प्राप्त की और अपने पति के साथ क्लीनिक पहुंची वहां के डॉक्टर से महिला ने अपनी समस्या बताई तो डॉक्टर ने कृत्रिम गर्भाधान से संतान सुख की बात कही महिला के पति तैयार हो गए और एक लाख रुपए की फीस फाइनल हुआ आई बीएफ की प्रक्रिया शुरू हुई परंतु कुछ समय बाद ही वह बेअसर हो गया। मामला बिगड़ते देख बिलासपुर के आईवीएफ डॉक्टर ने महिला को रायपुर के एक आईवीएफ सेंटर में रेफर किया। वहां भी लाखों रुपए फीस भरना पड़ा। और पुनःआईवीएफ इंजेक्ट करने की सलाह दी गई। परंतु जैसे कि मेडिकल लॉ में है कि इस तरह की प्रक्रिया में एक अनुबंध पत्र पर महिला के पति का हस्ताक्षर जरूरी होता है परंतु इस प्रकरण में कोई अनुबंध नहीं बना और न ही लाख रुपए के फीस के रशीद दी गई। दूसरी बार स्पर्म इंजेक्ट कर कुछ दिन बाद छुट्टी दे दी गई। महिला बिलासपुर लौट आई कुछ दिन बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जब उनकी तबीयत अधिक बिगड़ी तो वे अपने पति के साथ सिम्स बिलासपुर के एक गायनेकोलॉजिस्ट से चेकअप करवाएं तो महिला के तबीयत बिगड़ने का कारण स्पष्ट हो गया सिम्स के डॉक्टर ने महिला को बताया कि आपको जो स्पर्म इंजेक्ट किया गया वह इंफेक्टेड है अब सिम्स के गायनेकोलॉजिस्ट के इलाज से महिला काफी स्वस्थ हो गई परंतु दो लाख रुपए खर्चा करने के बाद भी महिला के गोद में संतान की किलकारी नहीं सुनाई पड़ी। महिला ने हमारे न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम को बताएं कि उन्हें जब यह पता चला कि हमारे कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर एक एमबीबीएस डॉक्टर भी है तो उन्हें काफी संतोष हुआ और जल्द ही वे बिलासपुर एवं रायपुर के आई बी एफ क्लिनिको के खिलाफ शिकायत प्रमाण सहित पेश करेंगी। इसी तरह की एक शिकायत भाटापारा की एक महिला ने भी की वे बिलासपुर के एक आईवीएफ क्लिनिक कि सेवा ली इस महिला का भी इनफेक्टेड स्पर्म इंजेक्ट हुआ रिपोर्ट में जुड़वा बच्चे की बात आई परंतु दोनों की मृत्यु गर्भ में ही हो गई। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )