एसईसीएल की गलत जानकारी मीडिया को! डीजीएमएस ( डायरेक्टोरेट जनरल माइंस सेफ्टी ) ने बंद की खदानें। निजी कंपनियां पुरानी नहीं सिर्फ नई कोयला खाने लेंगी और वह भी ओपन कॉस्ट : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर ( 10 मई 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर के जनसंपर्क विभाग में बैठे अल्प ज्ञानी अधिकारी अपने आप को हीरो बनाने के लिए प्रतिष्ठित मीडिया हाउसों को वह जानकारी दे रहे हैं जो कि वास्तव में केंद्र सरकार के पॉलिसी मैटर का हिस्सा है और यह जानकारी एसईसीएल वाले नहीं दे सकते हैं। इनके द्वारा मीडिया हाउसों को दी जाने वाली काफी जानकारियां भ्रामक है। और ऐसी जानकारियां फर्जी नियुक्ति को बढ़ावा देती है। एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में बैठे तथाकथित पी आर ओ ने बताया कि चिरमिरी जैसे बंद कोयला खदानों को निजी कंपनियां लेंगी। परंतु हम आपको बता दें कि चिरमिरी के अंजन हिल खदान के तहत सभी एनसीडीसी कंपनी के अधीन खदानें पोंड्री हिल, कोरासिया,कोतमा, भालूमाड़ा,विश्रामपुर, बिजूरी,रामनगर,राजनगर, झीमर, खोंगापानी, लेद्री,हसदेव क्षेत्र नार्थ झगड़ा खांड ये कोयला खाने सन 1999 से बंद पड़ी है। बंद होने का मुख्य कारण खदान में पानी पूरी तरह भरा है, एवं कोयले के स्थान पर पत्थर मिलना। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बंद पड़ी सभी कोयला खदान पीट माइंस अर्थात सुरंग वाली खजाने है और वर्तमान में इस तरह की खदानों का प्रचलन समाप्त हो चुका है क्योंकि इन खदानों में कोयला खनन की मशीनें नहीं जा सकती और इस तरह खदानों में उत्पादन का आधार मजदूर है। वर्तमान में ओपन कॉस्ट अर्थात खुली खदानों का प्रचलन है। ओपन कास्ट कोयला खदानों में भरपूर कोयले की मात्रा रहती है साथ ही उस कोयले को सुरक्षित रूप से पूरे क्षमता के साथ मशीनों से निकाला जा सकता है। जबकि पिट माइंस अर्थात सुरंग वाली खदान असुरक्षित होने के साथ-साथ कम उत्पादकता वाले खदाने हैं। इस कारण ऐसे कोयला खदानों को डीजीएमएस ( डायरेक्टोरेट जनरल माइंस सेफ्टी ) ने अंजन हिल्स सहित सभी खदानों के परिचालन एवं उत्पादन पर स्थाई प्रतिबंध लगा दी। परंतु एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में बैठे आधा अधूरा ज्ञान वाले पी आर ओ को यह ज्ञान नहीं है कि उन्हें मीडिया को केंद्र सरकार के पॉलिसी मैटर की जानकारी को तोड़ मरोड़ कर नहीं देनी है । ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )