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बिलासपुर पुलिस का साइबर सेल 24 घंटे अलर्ट। सर्विलांस पर है कई साइबर ठग यूनिट। सिर्फ बिलासपुर में मनी रिटर्न। शहर के पढ़े-लिखे हो रहे ठगी के शिकार बढ़ रही है पेंडेंसी : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]

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बिलासपुर ( 2 जून 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] हमारी न्यूज़ नेटवर्क के 1 जून रिपोर्टिंग जिसमें हमने विद्युत ठगी में अस्थाई मीटर रीडरों का संलग्न होना बताया था आज विद्युत मंडल के विजिलेंस सेल उस पर संज्ञान लिया। परंतु सबसे बड़ी परेशानी वाली बात यह है कि शहर के पढ़े-लिखे वर्ग सरकारी नौकरी से रिटायर्ड हुए अफसर जानबूझकर साइबर ठगी के शिकार होकर पुलिस के साइबर सेल में पेंडेंसी बढ़ा रहे हैं। बिलासपुर पुलिस का साइबर सेल 24 घंटे सक्रिय होकर ठगी के शिकार हुए व्यक्तियों के पैसे वापस करवा रहे हैं। यह सिर्फ बिलासपुर पुलिस के साइबर सेल में ही संभव है। दूसरे जगह के साइबर सेल में किसी की एंट्री नहीं है। वहां शिकायत दीजिए निराकरण 3 माह में होगा परंतु बिलासपुर पुलिस के साइबर सेल ऐसा नहीं है ठगी के शिकार हुए व्यक्ति सीधे साइबर सेल में जाकर शिकायत लिखा सकते हैं और निराकरण केवल 6 घंटे में। पढ़े-लिखे वर्गों की अज्ञानता के कारण शहर में जिस तरह साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ती जा रही है उसी तरह साइबर सेल में भी पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। साइबर क्राइम के खिलाफ पुलिस हमेशा एडवाइजरी जारी करती रहती है उस पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। एसईसीएल का एडवाइजर अरुण कुमार श्रीवास्तव जो पहले एसईसीएल में अधिकारी के पद पर रहे और रिटायर्ड होने के बाद वही के एडवाइजर बन गए। वे बिलासपु साइबर सेल के कारण एक मोटी रकम गवाते गवाते बचे परंतु वह ठग अभी भी सक्रिय हैं और इसकी पतासाजी अरुण कुमार श्रीवास्तव ही कर सकते हैं क्योंकि उनका रायपुर में मकान बन रहा है और वहां बिजली कटने वाली है इसकी जानकारी उनके किसी खास ने ही साइबर ठगों को दी और अपने दिमाग में जोर डाले तो अरुण कुमार श्रीवास्तव उस संदिग्ध व्यक्ति की शिनाख्त अच्छी तरह कर सकते हैं जिससे पुलिस को बहुत सहयोग मिलेगा। साइबर सेल की सक्रियता उनको पैसा वापस मिला पुलिस के प्रति उनका भी कुछ कर्तव्य है। पढ़े लिखे व्यक्ति यदि लगातार साइबर ठगी के शिकार होते रहेंगे तो साइबर सेल में पेंडेंसी बढ़ेगी जिससे वे क्वालिटी रिपोर्ट नहीं दे पाएंगे। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क ]

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