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2 आईपीएस को दें सिम्स एवम् जिला चिकित्सालय की कमान। डिप्टी कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने संभाली थी जिला चिकित्सालय की कमान डॉक्टरों के नेतागिरी एवं स्टाफ की गुंडागर्दी की थी खत्म। डॉ सहारे साहब आपके मेडिकल कॉलेज के सेकंड, थर्ड एवं फोर्थ ईयर के स्टूडेंट रात को संभाल रहे हैं प्राइवेट क्लीनिक : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]

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बिलासपुर ( 4 जून 2022) [ तपन गोस्वामी द्वारा ) राज्य सरकार के कई अरब रुपए एवं केंद्र सरकार द्वारा दिए गए अरबों रुपए के स्वास्थ्य उपकरणों के बाद भी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव मीटिंग में काफी दुखी दिखे तो आप सोच लो कि कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। सिम्स के डॉक्टरों की नेतागिरी एवं स्टाफ की गुंडागर्दी एवं लापरवाही समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। प्रशासन सिम्स को सुधारने के लिए कई प्रयोग किए परंतु एक प्रयोग नहीं किए जोकि अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री स्व अर्जुन सिंह ने की थी। उन्हें मालूम था कि डॉक्टर किसी से नहीं दबते और अपनी मनमानी करते हैं। इस कारण उन्होंने सभी जिला चिकित्सालय में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति कर दी थी। बिलासपुर जिला चिकित्सालय की जिम्मेदारी तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर एवं वर्तमान जांजगीर चांपा कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला को सौंपी गई थी। उन्होंने एक माह में डॉक्टरों की नेतागिरी एवं स्टाफ की दादागिरी समाप्त कर दी थी। सिम्स आज उस से भी बदतर स्थिति में पहुंच चुकी है। सिम्स के डीन डॉ के के सहारे से सिम्स नहीं संभल रहा है। उन्हें यह भी नहीं पता कि उनके मेडिकल कॉलेज के सेकंड थर्ड एवं फोर्थ ईयर के स्टूडेंट रात को सिम्स हॉस्टल से निकलकर शहर के निजी अस्पतालों में जाते हैं और रात भर वहां डॉक्टर बन कर काम करते हैं और अवैधानिक रूप से बिना एमबीबीएस के ही प्रतिमाह लाखों रुपए वेतन पाते हैं। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम के पास शहर के उन 8 प्राइवेट अस्पतालों की जानकारी है जहां सिम्स के आधे अधूरे एमबीबीएस स्टूडेंट जाकर इलाज करते हैं। डॉक्टर के के सहारे जिन्हें सरकार प्रतिमाह चार लाख रुपए वेतन एवं भत्ते के रूप में देती है परंतु डॉक्टर सहारे अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह असफल है। सिम्स के टेक्नीशियन द्वारा लिए गए एक्स-रे, सीटी स्कैन एवं अल्ट्रासोनोग्राफी की रिपोर्ट भी सही नहीं आ रही है। कई कई माह तक डॉक्टर सहारे रेडियोलोजी विभाग में एंट्री भी नहीं करते। सिम्स की व्यवस्था को पटरी में लाने के लिए दो आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति अत्यंत आवश्यक है जिससे कम समय में ही सिम्स एवं जिला चिकित्सालय की व्यवस्था सुधर जाएगी। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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