राहुल साहू बोर से निकलेगा जरूर और वह भी सुरक्षित। परंतु बढ़ते समय से चिंता। रोबोट टेट्रा स्ट्रक्चर तकनीक ग्रामीण बोर में नहीं हाइड्रेंट में सफल। बोर खोदने वाले को बुलाकर चट्टान वगैरा की जानकारी लेनी थी : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर ( 13 जून 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] मालखरौदा के ग्राम पिहरिद में गांव के बोर में गिरे 11 साल का मासूम राहुल साहू का रेस्क्यू ऑपरेशन 56 घंटे से ऊपर हो रहे हैं। गांव के बोर से राहुल साहू को सुरक्षित निकालने के लिए जो तकनीक अपनाई जा रही है उस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 24 घंटे नजर रखे हुए हैं। गांव के बोर में गिरते ही पूरा गांव सक्रिय हो गया और स्वयं जांजगीर चांपा के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला के साथ पूरा प्रशासनिक अमला घटनास्थल ग्राम पिहरिद पहुंच कर एनडीआरएफ सहित अन्य रेस्क्यू टीम को बुलाकर राहुल साहू को सुरक्षित निकालने के लिए काम शुरू करने के लिए कहा। राहुल बोर के 80 फिट में फंसा है। रेस्क्यू टीम 50 फिट का टनेल खोद डाला। परंतु राहुल को निकालने में सफलता नहीं मिली। प्रशासन ने उड़ीसा से मेकेनिकल रोबोट टीम को बुलवाया। रोबोट टीम ने एनडीआरएफ को और 10 फीट खोदने के लिए कहा। परंतु पूरे 60 फीट में रोबोट उतरने के बाद वह कच्ची मिट्टी में फंस कर रह गया। और राहुल तक रोबोट नहीं पहुंच पाया। इस संबंध में टेक्निकल एक्सपर्ट का कहना है कि रोबोट का टेट्रा स्ट्रक्चर तकनीक सिर्फ पक्के हाइड्रेंट में ही सफल है कच्ची मिट्टी में फंसकर रोबोट के फंक्शन हैक हो जाता है। इस कारण रोबोट की तकनीक को रोका गया। मालखरोदा के पिहरीद गांव के जिस बोर में राहुल फंसा है उसे बोरवेल के मैकेनिकल सिस्टम से खोदा गया है और वह मैनुअल नहीं है इस कारण राहुल के बोर में गिरते ही उसी बोरवेल वाले को बुलाकर सलाह लेनी थी जिसने यह बोर खोदा है। क्योंकि रेस्क्यू टीम जब सुरंग खोद रहा था तो बीच में एक चट्टान मार्ग को अवरुद्ध कर दिया और इस चट्टान के विषय में पूर्व में बोर खोदने वाले को मालूम था और उसकी जानकारी के आधार पर यदि सुरंग का मार्ग मोड़ देते और भी एक चट्टान नहीं मिलती तो अब तक रेस्क्यू टीम बोर में फंसे राहुल तक पहुंच गए होते। राहुल साहू को सुरक्षित निकालने जो भी रेस्क्यू टीम आई वह बिना प्लानिंग के गांव के जानकार व्यक्तियों से बिना सलाह लिए खोदना शुरू किया। जिससे काफी विलंब हो रहा है राहुल साहू को बोर से सुरक्षित एवं जल्द निकालने के लिए सिर्फ यह प्लानिंग होनी चाहिए कि 60 फीट के बाद जो चट्टान आया है उसे कैसे सुरक्षित क्रॉस कर राहुल तक पहुंचा जा सके और उसे सुरक्षित निकाला जा सके। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )