Recent Posts

सीबीआई जल्द आएगी एक्शन में। एसईसीएल फायर टेक्निकल सिस्टम खरीदी में भारी घोटाला। घटिया उपकरण एवम् करोड़ों की दलाली : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]

1 min read

बिलासपुर ( 25 जून 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर के अधीन कोयला खानों के अंदर काम करने वाले लाखों मजदूरों, शिफ्ट मैनेजर, ओवरमैन, माइनिंग सरदार एवं ठेका श्रमिकों के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इनके जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाले और कोई नहीं बल्कि एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में बैठने वाले माइंस सेफ्टी यूनिट के अधिकारी, सीएमडी सहित अन्य अधिकारी ही है। घटिया उपकरणों की खरीदी में एसईसीएल पहले ही काफी वाहवाही लूट चुकी है परंतु अब मामला कोयला खानों के अंदर काम करने वाले लाखों अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ठेका श्रमिकों के जिंदगी से जुड़ी है इस कारण मामला काफी गंभीर है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि कोयला खानों के अंदर जहरीली एवं अति ज्वलनशील गैस मिथेन निकलती है इस का रासायनिक सूत्र ch4 है कोयला खानों से निकलने वाली यह मिथेन गैस इतना खतरनाक है कि इस पर यदि नियंत्रण न किया जाए तो चंद घंटे में पूरे कोयला खान को लाशों में तब्दील कर देती है। कोयला खानों के अंदर हालिज भी चलती है जिससे छोटी-छोटी टब गाड़ियां खदान के अंदर से कोयला भर कर लाती है। जोकि कई हेवी इलेक्ट्रिकल मोटर से संचालित होती है। आजकल कोयले के खुली खदाने भी है जिसमें कई हेवी मशीनरी एवं कई तरह के उपकरण रहते है और यह हैवी इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिकल उपकरण हाई वोल्टेज विद्युत सप्लाई से चलती है कभी भी इसमें शार्ट सर्किट हो सकती है कोयला खान से निकलने वाले जहरीली एवं ज्वलनशील मीथेन गैस शॉर्ट सर्किट के संपर्क में आने के बाद भयानक ब्लास्ट के साथ पूरे खदान में आग लग जाती है और इसकी चपेट में हजारों मजदूर आ जाते हैं। अब तक घटित कोयला खानों में अग्निकांड की घटना इन्हीं कारणों से होती है। कोयला खानों में अग्निकांड की घटना पर काबू पाने के लिए वाटर एक्सटिंग्विशर नहीं बल्कि कोल माइंस टेक्निकल फायर सिस्टम का उपयोग कर एंटी मिथेन फायर एक्सटिंग्विशर गैस का उपयोग कर कोयला खदान में लगे आग पर काबू पाया जाता है। परंतु एसईसीएल मुख्यालय में बैठे अधिकारीगण कोयला खान के अंदर काम करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों के जान के दुश्मन बने बैठे हैं। इतनी घटिया अग्निशामक सिस्टम की खरीद किए हैं कि जिसका उपयोग सामान्य अग्निकांड की घटना में भी नहीं किया जाता है। एसईसीएल मुख्यालय में बैठे कमीशन खोर अधिकारी के साथ यहां बैठे विजिलेंस कमिश्नर एवं चीफ विजिलेंस अधिकारी भी प्रत्यक्ष रूप से इसके लिए जिम्मेदार हैं। एसईसीएल के सभी खानों में फायर टेक्निकल सिस्टम की खरीदी में जमकर दलाली हुई है । बिलासपुर में भी यह चर्चा का विषय बनी हुई है। और एसईसीएल के एक रिटायर्ड अधिकारी इस घोटाले की प्रमाणिक जानकारी सीबीआई मुख्यालय दिल्ली को भेज दी है। मामला काफी गंभीर है एवं कोयला खानों में कार्यरत कर्मचारियों के जिंदगी से जुड़ी इस कारण सीबीआई जल्द ही इस प्रमाणिक शिकायत पर एक्शन में आएगी। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

About The Author

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *