एसपी ऑफिस में करोड़ों का जीपीएफ घोटाला कांड। पुलिस विभाग का फरार( बबली ) एएसआई मधु शीला सुर्जल ने बनाई हेमू नगर में 6 करोड़ का होटल नुमा भवन : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
बिलासपुर (4 दिसंबर 2022 ) [तपन गोस्वामी एवं शकील खान द्वारा ] विगत 17 सितंबर 2022 को उजागर हुए एसपी ऑफिस जीपीएफ घोटाला कांड की रकम कई करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। इस कांड को अंजाम देने वाले कोई बाहरी आदमी नहीं बल्कि पुलिस विभाग का बंटी प्र आरक्षक संजय श्रीवास्तव एवं उसकी रखैल एसपी ऑफिस में पदस्थ शाखा प्रभारी बबली एएसआई मधु शीला सुर्जल ही है। एसपी ऑफिस का जीपीएफ घोटाला कांड काफी समय से चल रहा है। और पुलिस स्टाफ के खून पसीने की कमाई से यह दोनों बंटी बबली पूरे भारत का भ्रमण कर चुके हैं। एसपी ऑफिस जीपी एफ घोटाला कांड में हमारा अनुमान कई करोड़ इसलिए भी जा रही है क्योंकि स्थानीय हेमू नगर में फरार एएसआई ने जो होटल नुमा भवन का निर्माण करवा रही है उसकी वर्तमान कीमत 6 करोड़ के करीब है। इस कारण जांच में इनके द्वारा किए गए और कई घोटालों की जानकारी निश्चित तौर पर आएगी। इधर जेल के सलाखों के पीछे बंद पुलिस विभाग का प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव ने भी जीपीएफ फंड का भरपूर उपयोग किया। संजय श्रीवास्तव की चल एवं अचल संपत्ति में काफी बढ़ोतरी हुई यह अपनी पहली पत्नी को प्रतिमाह एक मोटी रकम भेजते थे साथ ही अपने लड़के को लग्जरी गाड़ियां खरीद कर दी। जेल में बंद प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव ने एसपी ऑफिस के जीपीएफ फंड से प्राप्त घोटाले की रकम से शहर एवं आसपास काफी अचल संपत्तियां बनाएं। उन्होंने अपने बच्चे को कीमती लग्जरी गाड़ियां भी खरीद कर दी। यह सारी बातें जांच में स्पष्ट हो जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर के संज्ञान में जब जी पी एफ घोटाला कांड आया तो तुरंत संज्ञान लेते हुए थाना सिविल लाइन को दोनों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार करने का आदेश दिया। सिविल लाइन पुलिस ने एएसआई मधु शीला सुर्जल एवं प्र आरक्षक संजय श्रीवास्तव के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471 एवं 120b के तहत मामला पंजीबद्ध कर प्र आरक्षक संजय श्रीवास्तव को बेलगहना चौकी से गिरफ्तार किया। परंतु मुख्य आरोपी एसआई मधु शीला सुर्जल अभी भी फरार है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )