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गोवर्धन यादव संदेहास्पद मृत्यु प्रकरण। ब्लड सैंपल में अल्कोहल होने की पुष्टि ऐसे प्रकरणों में संभव नहीं। डेड बॉडी से 4 घंटे में ब्लड सैंपल लेना जरूरी। नहीं तो ब्लड एवोपोरेट होने की संभावना : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]

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बिलासपुर (26 मार्च 2023) [तपन गोस्वामी द्वारा ] युवा वाहन चालक गोवर्धन यादव की मृत्यु के रहस्य से अभी तक पर्दा नहीं उठा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सर में गंभीर चोट और चोट की प्रकृति क्रिमिनल अटैक का होना पीएम करने वाले चिकित्सक ने अपने ओपिनियन में स्पष्ट रूप से लिखा है। इसके पश्चात पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह द्वारा विशेष जांच टीम का गठन किया गया। जिसके चीफ सिविल लाइन थाने के सीएसपी एवं प्रशिक्षु आईपीएस संदीप पटेल को बनाया घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अमेरी चौक स्थित गोविंदम पैलेस के सामने दिनांक 5 फरवरी 2023 को देर रात घटित हुई। जिसमें शहर के एक कारोबारी बर सैया परिवार का ड्राइवर गोवर्धन यादव की बहुत ही रहस्यमय स्तिथि में मौत हो गई थी। मामले का परिजनों द्वारा काफी विरोध प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद विशेष जांच टीम का गठन किया गया था घटना 5 फरवरी 2023 की थी परंतु थाना सिविल लाइन में किसी भी तरह का अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया था। परंतु मार्च के पहले सप्ताह में विशेष जांच टीम द्वारा रिपोर्ट पेश कर दिया गया। घटना के समय कार में सवार तीन युवक एवं एक युवती के खिलाफ सामान्य जमानती अपराध धारा 304 (A) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया जो कि सभी जमानत पर है। इस प्रकरण में कारोबारी परिवार का कहना है कि चालक गोवर्धन यादव काफी मात्रा में शराब पिया हुआ था। और नाले में गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई। अब मृतक गोवर्धन यादव के ब्लड सैंपल की रिपोर्ट फॉरेंसिक विभाग से आ गई। जिसमें मृतक द्वारा शराब पीने की पुष्टि की गई। अब हम आपको बताएंगे कि मृत्यु के पश्चात मृत व्यक्ति का शराब पीने की बात को सिद्ध करने के लिए सबसे सरलतम उपाय पीएम के समय स्टमक अर्थात ( आमाशय ) के खोलने के बाद पता चल जाता है लिक्विड के साथ अल्कोहल की गंध आती है। दूसरा मेथड ब्लड सैंपल और वह भी मृत्यु के 4 घंटे के भीतर। नहीं तो ब्लड के एवोपारेट अर्थात वाष्पीकरण होने की संभावना रहती है। गोवर्धन की मृत्यु 4 फरवरी 2023 के रात्रि के 12 बजे के बाद हुई थी। और पीएम दूसरे दिन अर्थात 6 फरवरी 2023 के दोपहर के 1.30 बजे हुई और उसी समय ब्लड सैंपलिंग किया गया। अर्थात पूरे साढ़े तेरह घंटे बाद अर्थात तब तक ब्लड सैंपलिंग में वाष्पीकरण हुआ होगा। यह एक सैद्धांतिक नियम है। इस कारण फॉरेंसिक विभाग द्वारा आई ब्लड सैंपलिंग रिपोर्ट में यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि इसमें अल्कोहल की मात्रा पाई गई है ? (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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