फिल्म स्टारों के विज्ञापन दिखाकर डॉ ऑर्थो ऑयल कंपनी वाले जनता को बना रहे है बेयूकुफ। हड्डी रोगों में डॉ अर्थों आयल लगाने से कोई फायदा नहीं : कई जगह शिकायते। इसे लगाने पर एलर्जी की शिकायत। आयुष विभाग एक्शन में आए : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
बिलासपुर (28 मार्च 2023 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] प्रतिदिन समाचार पत्रों एवं मीडिया में करोड़ों का विज्ञापन पहले फिल्म कहानी लेखक जावेद अख्तर और अब फिल्म स्टार अजय देवगन अपने हाथ में डॉ ऑर्थो ऑयल के 60ml की शीशी लिए विज्ञापन करते दिखते है। इसके पहले फिल्म कहानीकार जावेद अख्तर गार्डन में चलकर यह दिखाने का प्रयास कर रहे थे कि उनके घुटनों में दर्द था परंतु डॉ ऑर्थो ऑयल लगाने से दर्द ठीक हो गया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि न तो जावेद अख्तर डॉक्टर है और न ही अजय देवगन। परंतु डॉ अर्थों का विज्ञापन यह बेधड़क कर रहे हैं। यह ऑयल मेडिकल स्टोर में कम परंतु ऑनलाइन मार्केट बहुत अधिक बिक रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि देश के प्रतिष्ठित दवाई कंपनियां भी प्रतिदिन समाचार पत्रों में अपने दवाइयों के लिए करोड़ों रुपए का विज्ञापन नहीं देती परंतु उनकी मेडिसिन सभी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध है और आसानी से बिकने वाली है। डॉ आर्थो ऑयल के 20ml की सीसी की कीमत ₹266, 60ml की सीसी की कीमत ₹290 एवं 50ml सीसी की कीमत ₹129 है। डॉ आर्थो ऑयल सिर्फ विज्ञापन के तामझाम से ही बिक रहा है। प्रतिदिन करोड़ों रुपए का विज्ञापन एवं विज्ञापन से प्रभावित होकर ग्राहक डॉ आर्थो ऑयल को खरीदता है। हड्डी के दर्द में इस तेल को लगाता है परंतु कुछ फायदा नहीं हो रहा है। इस कारण मेडिकल स्टोर वाले अपने यहां डॉ ऑर्थो ऑयल रखना बंद कर दिया है। डॉ ऑर्थो ऑयल कंपनी वालों का कहना है कि इसमें सभी आयुर्वेदिक वस्तुएं जैसे कि अलसी का तेल, काली मिर्च का तेल रहता है। जिससे दर्द ठीक हो जाता है। परंतु यह सोचने वाली बात है की एक ऑर्थोपेडिक सर्जन जोकि हड्डी रोगों के चिकित्सा एवं ऑपरेशन करते करते अपनी जिंदगी बिता देता है। तो क्या वह अलसी का तेल और काली मिर्च के तेल से वह इलाज नहीं कर सकता? उसे फिर करोड़ों रुपए की ऑपरेशन थिएटर, कई करोड़ के ट्रामा यूनिट एवं लाखों रुपए के स्टेरलाइजेशन यूनिट रखने की क्या जरूरत है? देश के कई हिस्सों में डॉ ऑर्थो आयल के कंपनी के खिलाफ मामला चल रहा है। डॉ आर्थो ऑयल के कंपनी वाले इस तेल को पूरी तरह आयुर्वेदिक प्रोडक्ट होना बता रहे हैं। परंतु इस कंपनी के एक प्रोफाइल में तेल में विटामिन डी, फोलिक एसिड, कैल्शियम एवं फास्फोरस होना बताया जो की एलोपैथिक कंपाउंड के बिना संभव ही नहीं है। कंपनी वाले ड्रग एवं कॉस्मेटिक एक्ट में ना फंसे इस कारण वे अपने प्रोडक्ट को आयुर्वेदिक होना बताते हैं। डॉ आर्थो ऑयल के सावधानी वाले विवरण में स्पष्ट रूप से लिखा है कि सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। और यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए किसी चिकित्सा विशेषज्ञ से सलाह लें। अर्थात इन के फैक्ट्री में ना तो कोई चिकित्सा विशेषज्ञ है और नहीं फुल फ्लैश टेस्टिंग लैब। सिर्फ फिल्म स्टारों के विज्ञापन पर यह कंपनी हड्डी रोगों से प्रभावित एवं दर्द से करहाते हुए भोले भाले व्यक्तियों को बेवकूफ बनाने की मशीन है। बिलासपुर में भी डॉ ऑर्थो तेल के खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही है इन शिकायतों के मद्देनजर आयुष विभाग एक्शन में आए। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )