एसडीएम श्रीकांत वर्मा एवं उनके तहसीलदारो के क्रियाकलाप कांग्रेस के सुशासन को धूमिल करने वाला है। भू माफियाओं एवं दुकान खाली कराने वाले गैंग के जाल में फंस गए हैं एसडीएम साहब। निजी दुकान खाली कराने में एसडीएम साहब को बहुत इंटरेस्ट इधर मोपका के सरकारी जमीन पर कब्जे का उन्हे ध्यान नही : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
बिलासपुर (06 अप्रैल 2023 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] कुछ एसडीएम से परेशान शहर के आम आदमी को जब यह पता चला कि अब श्रीकांत वर्मा बिलासपुर एसडीएम का कार्यभार संभालेंगे। तो पूर्व में यहां से गए एसडीएमओ से परेशान गरीब एवं आम जनता को लगा की अब उन्हें न्याय मिलेगा एवं जमीन के विवाद जल्दी सुलझेंगे। कुछ माह तक तो सब ठीक-ठाक रहा परंतु उसके बाद एसडीएम श्री वर्मा पूर्व तहसीलदार नारायण प्रसाद का गवेल के स्टाइल में कामकाज करने लगे। इनके चेंबर में शहर के कुख्यात भू माफियाओं की बैठक होने लगी और बिगड़ने लगी शहर की कानून व्यवस्था क्योंकि शहर एवं आसपास की सरकारी जमीनों के कब्जा धारी यही भू माफिया है। यदि इन भूमाफिया को एस डी एम का साथ मिल जाए तो यह कहावत चरितार्थ होती दिख जाएगी कि सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का। शहर में जो गुंडागर्दी, मकान दुकान खाली कराने के लिए आतंक पूर्व के तहसीलदार नारायण प्रसाद गवेल एवं एसडीएम तुलाराम भारद्वाज के समय हो रहा था यह पुनः वर्तमान के एसडीएम श्रीकांत वर्मा के कार्यकाल में भी हो रहा है। एसडीएम सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले बाहुबलियों के आगे काफी लाचार है परंतु निजी दुकान एवं निजी मकानों को खाली कराने में अपने तहसीलदार राहुल शर्मा के साथ कुछ कुख्यात भू माफियाओं के साथ पहुंचकर निजी दुकान में ताला लगाने का काम कर रहे है। सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए खुद निजी दुकान खाली कराने पहुंच जाते हैं। कोर्ट के आदेशों का वेरिफिकेशन भी नहीं करते। कोई भी कोर्ट किसी किराएदार को दबाव पूर्ण तरीके से खाली कराने की इजाजत नहीं देती। कोर्ट आदेश के साथ एडवाइजरी भी देती है परंतु हमारे एसडीएम साहब को एडवाइजरी पढ़ने की फुर्सत कहां है। कल मोपका क्षेत्र के आम आदमी सरकारी जमीनों को बंदरबांट एवं फर्जी दस्तावेज बनाकर भू माफियाओं द्वारा बेचने के मुद्दे पर कलेक्टर का घेराव किए थे। परंतु एसडीएम साहब तहसील से नदारद थे। उन्हें डर था कि मोपका के आम नागरिक एसडीएम ऑफिस का घेराव करेंगे परंतु आम आदमी को पता है कि एसडीएम साहब का भू माफियाओं के साथ कैसे संबंध है? क्योंकि मोपका सहित अन्य जगहों की सरकारी जमीनों को बेचने में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। अब हम आपको बता दें कि कांग्रेस शासन में आम जनता से संबंधित महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों के माध्यम से मिलता है परंतु ऐसा लग रहा है कि एसडीएम श्रीकांत वर्मा जैसे लोग कांग्रेस के सुशासन में ग्रहण लगाने जैसा काम कर रहे हैं। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )