पुलिस इंटेलिजेंस मजबूत एवं अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हो। राज्य को अशांत करने वाले तत्वों की पहचान एवं कड़ी कार्रवाई हेतु पुलिस इंटेलिजेंस की सतर्क नजर जरूरी। तपन गोस्वामी [editor-in-chief]
बिलासपुर (12 अप्रैल 2023 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] पिछले कुछ महीनों से राज्य में साधारण विवाद दंगों का रूप लेता जा रहा है। कुछ समय पहले जशपुर इसके बाद कवर्धा, बस्तर और अब बीरमपुर। सभी जगह की एक ही स्टोरी है वह है एकदम सामान्य विवाद को शांत करने के बजाए उसे बड़ा करना और फिर उसमें घी डालने का काम करना। जिससे नीचे दबी हुई धीमी आंच एकाएक ब्लास्ट फर्नेस का रूप लेकर ब्लास्ट हो जाता है। सामान्य विवाद पर भी सांप्रदायिकता की जामा पहनाने की आजकल एक फैशन के रूप हो चला है। इसके लिए उटपटांग बयान एवं सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट डालकर आनंद लेने वाले इन कथित स्लीपर सेल के सदस्यों पर भी पुलिस के इंटेलिजेंस सेल की विशेष नजर लगाए रखने की जरूरत है। पुलिस के 10 साल पहले के इंटेलिजेंस और वर्तमान इंटेलिजेंस में काफी अंतर है। पहले शहर यदि अशांत होता था तो एल आई बी एवं डीएसबी के सादे कपड़े के स्टाफ चाय दुकान, पान दुकान, मंदिर के पुजारियो, मस्जिद मौलवियों एवं मदरसे के शिक्षकों से शहर की फिजा, मानव मस्तिष्क में चल रही खुराफातिया, सांप्रदायिकता संबंधी बातो की जानकारियां पता कर लेते थे। परंतु अब ऐसा नहीं है। वर्तमान में इंटरनेट एवं सोशल मीडिया का युग है। बात फैलने में चंद मिनट लगती है। छत्तीसगढ़ में अभी जो विवाद हुए हैं उसका कारण ही किसी एक वर्ग द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट और उसके जवाब में दहकाने वाला पोस्ट। फिर क्या विवाद की स्थिति। छत्तीसगढ़ की जनता के लिए एक सुखद स्थिति यह है कि पुलिस एवं अन्य सुरक्षा बल प्रदेश में कहीं भी एवं किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए पूर्ण सक्षम है। बिरनपुर में एक पत्रकार के ऊपर उस वक्त जानलेवा हमला हो गया था जब वह बिरनपुर की हिंसा की घटना का कवरेज कर रहा था। इतने में कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया। उसके सर पर गंभीर वार होने ही वाला था कि खैरागढ़ की एसपी अंकिता शर्मा ने अपनी जान की परवाह किए बिना वहां पहुंचकर पत्रकार को भीड़ में से सुरक्षित निकली। राज्य के किसी भी शहर में क्या चल रहा है? राजनीतिक गतिविधियां क्या है? सांप्रदायिकता का जहर कौन कौन घोल रहा हैं ? मंदिर मस्जिद के साधारण झगड़े में कौन कौन से तत्व फायदा उठाने का काम कर रहा है? अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों की पूरी जानकारी, उनके संप्रदाय या वर्ग, शहर या गांव में उनके आने का उद्देश्य। यह आज के मॉडर्न इंटेलिजेंस का कलेक्टिंग सब्जेक्ट। पहले राज्य, उसके बाद जिले, उसके बाद नगर, तहसील, ब्लॉक में यदि सांप्रदायिकता को रोकना है तो सभी संप्रदाय से एक एक स्पेशल विश्वस्त जासूस तैयार करने की जरूरत है। जो कि हमेशा से अपनी पूर्ण गोपनीयता बरतते हुए अपने अपने संप्रदाय में चलने वाली गोपनीय मीटिंग, बाहर से आने वालों की सही जानकारी, सही समय पर पुलिस के इंटेलिजेंस के पास पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही इंटेलिजेंस स्टाफ को सूक्ष्म माइक्रो एच डी कैमरा, ऑडियो रिकॉर्डिंग उपकरण एवं छोटे जीपीएस से सुसज्जित होना जरूरी है। प्रदेश पुलिस के स्मार्ट इंटेलिजेंस व्यवस्था ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में अचानक होने वाले उपद्रवो को रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )