निगम के इंजीनियर एवं शहर के शक्ति बेनिफिकेशन का जॉइंट फर्जीवाड़ा। भवन नियमितीकरण का काम निगम नहीं भूमाफिया कर रहे हैं। नियमितीकरण के नाम से कर रहे हैं लाखों की ठगी : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
बिलासपुर (13 अप्रैल 2023) [तपन गोस्वामी द्वारा ] राजधानी रायपुर से जैसे ही निगम क्षेत्र के अनियमित भवनों एवं दुकानों के नियमितीकरण करने का फरमान जारी हुआ है तबसे निगम अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। आदेश 14 जुलाई 2022 को जारी हुआ है। परंतु नगर निगम के अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं लिए। पिछले 9 माह में बहुत मुश्किल से मात्र 445 मकानों का आधा अधूरा नियमितीकरण का कार्य किया गया है। और इसके भी कागजात अपूर्ण है निगम के निठल्ले अधिकारियों का सिर्फ एक ही काम है राजधानी रायपुर से आदेश आने पर उसका कार्य रूप में परिणित करने के बजाए परेशान नगर वासियों को नोटिस जारी करना। निगम क्षेत्र के बेतरतीब बसाहट एवं बिना दस्तावेज के मकानों को दस्तावेजी एवं पंजीकृत मकानों की सूची में रखने की दिशा में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक सराहनीय प्रयास है। परंतु निगम के निठल्ले, उम्र दराज एवं भ्रष्टाचार के बोझ से दबे अधिकारी मुख्यमंत्री की इस जनोपयोगी योजना को ध्वस्त करने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं। छोटे बड़े मिलाकर 70 वार्ड के लिए एक लाख से अधिक मकानो का नियमितीकरण करने लायक है। इसके अलावा 9 हजार के करीब दुकान है। कामचोर एवं भ्रष्ट अफसरों के बोझ से दबी निगम में भवन एवं दुकान के नियमितीकरण के लिए आवेदनों का अंबार को देखकर निगम आयुक्त कुणाल दुदावत ने सभी जोन कमिश्नर को नोटिस जारी किया। उसके बाद भी कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने भवन नियमितीकरण के दिशा निर्देश हेतु बैठक लिया। इस बैठक के बाद निगम के कुछ भ्रष्टाचारी अधिकारियों के भाग्य खुल गए। वे भवन नियमितीकरण हेतु कई बिल्डरों एवं भू माफियाओं के साथ टाईअप करते हुए भवन नियमितीकरण का काम उन्हें दे दिया। इसी तरह शहर के कुछ कुख्यात भू माफियाओं एवं कथित बिल्डरों की एक संस्था है जिसका नाम शक्ति बेनी फिकेशन है। वास्तव में शहर के भवन एवं दुकानों के नियमितीकरण का काम नगर निगम के अधिकारियों का है। परंतु यह काम दलालों के हाथ में देकर निगम के भ्रष्ट अधिकारी निश्चिंत हो गए। इससे एक बड़ी कमीशन की राशि भी इन भ्रष्ट अधिकारियों की जेब में जा रही है। इसी तरह शक्ति बेनिफिकेशन ने बाकायदा एक पंपलेट छापकर निगम क्षेत्र में बांटा जिसमें यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि वह अनियमित भवन एवं दुकान का नियमितीकरण का काम करने के लिए अधिकृत है। उसने उस पंपलेट में उसी दस्तावेज की मांग की जो दस्तावेज निगम ने मांगे हैं। अब हम आपको एक बात बता दे कि कोई आम आदमी अपने भवन एवं दुकान का नियमितीकरण हेतु निगम के अधिकारियों से मिलता है तो वह सीधे अपने टाई अप किए हुए भू माफिया एवं भवन दलाल के पास भेज देता है। निगम के भ्रष्ट अधिकारियों का इस तरह से भ्रष्टाचार करने का पैरारेल सर्विस के विषय में निगम के उच्च अधिकारियों को अच्छी तरह से पता है परंतु वह कुछ नहीं कर रहे हैं। बल्कि भवन एवं दुकान नियमितीकरण के नाम से इन भूमाफिया के पास जाकर नगर के आम आदमी ठगी के शिकार हो रहे हैं। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )