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भू माफिया मनीष उभरानी एवं मोपका के राजस्व निरीक्षक निखिल झा का एक और फर्जी कारनामा। पूर्व में जमीन विवाद के कारण हो चुका गैंगवार। मोपका की सरकारी जमीन प. ह. न. 29 खसरा नं 993/7 (3) रकवा 0.40 एकड़ का फर्जी दस्तावेज बनाकर की जा रही है बेचने की तैयारी : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]

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बिलासपुर (17 मई 2023) [तपन गोस्वामी द्वारा ] कुछ माह पहले रेल्वे परी क्षेत्र में भू माफिया मनीष उभरानी पर दयालबंद के एक हिस्ट्रीशीटर ने हमला कर दिया था। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मनीष उभरानी एक सीधा साधा कारोबारी है। परंतु जांच में यह पता चला कि यह व्यक्ति एक भूमाफिया है और ऑन डिमांड सरकारी एवं निजी जमीनों के साथ फर्जीवाड़ा करता है। और साथ में शहर के कुछ असामाजिक तत्वों से उसके खिलाफ शिकायत करने वालों पर क्रिमिनल अटैक करवाता है। अब एक ऐसा मामला सामने आया है जो की मोपका के सरकारी जमीन पटवारी हल्का नंबर 29 खसरा नंबर 993/7(3) से जुड़ा है। कलेक्टर के आदेश एवं प्रशासनिक कार्यवाही के तहत यह कलंकित मोपका पटवारी हल्का नंबर 29 खसरा नंबर 993 पूरी जमीन सरकारी जमीन घोषित हो चुकी है। इस भूमि के क्रय विक्रय करने पर कानूनी प्रावधानों के कारण दोनों पक्षों पर कार्रवाई होगी। और मोपका के इन जमीनों के फर्जीवाड़ा करने वाले कई पटवारी, राजस्व कर्मी एवं भू माफिया 1 साल से ऊपर हो गए जेल में सड़ रहे है। परंतु इसके बावजूद भूमाफिया मनीष उभरानी एवं मोपका के राजस्व निरीक्षक निखिल झा द्वारा टिकरापारा निवासी किसी रंजीत बोस को उक्त भूमी का फर्जी आवेदक एवं फर्जी दस्तावेज बनाकर पहले सीमांकन और पश्चात करोड़ों रुपए में बेचने की तैयारी कर रहा है। इस फर्जीवाड़े में रंजीत बोस, दीपिका बोस, श्रीधर मिश्रा, किशोर कुमार पांडे, नरसिंह राव, अनूप बोस, मनीष उभेरानी, पिंटू तिवारी एवं साइमन जार्ज शामिल है। यदि जमीन घोटाले बाजों के खिलाफ शक्त कार्रवाई नहीं होती है तो पुनः एक बार भू माफिया इस कीमती सरकारी जमीन को करोड़ों रुपए में बेचने में सफल हो जाएंगे (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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