फायर ब्रांड वन अधिकारी अनीता नंदी कौन है? जो मिनटों में मोपका विवेकानंद नगर फेस वन में एक दीवाल डहाने के लिए राजस्व एवं पुलिस प्रशासन को लाकर खड़ा कर दिया। मामला सीएम के पास पहुंचा। शहर में रसूखदारो के कब्जे हटाने के लिए प्रशासन अनीता नंदी का सलाह ले। मनीषा सिंह के अधिवक्ता दस्तावेज की जांच के लिए फॉरेंसिक विभाग में भेजने का अनुरोध किया : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
1 min readबिलासपुर (13 जून 2023) [तपन गोस्वामी द्वारा ] 9 जून 2023 की सुबह मोपका के विवेकानंद नगर फेस वन गणपति होम के आगे रहने वाले कॉलोनी वासी अपने काम में व्यस्त थे। इतने में हूटर बजाती पुलिस, उसके बाद बिलासपुर तहसील की गाड़ी, नगर निगम का तोडू दस्ता एवं बहुचर्चित प्रमिल शर्मा, और महिंद्रा कंपनी का अर्थ मास्टर VX डोजर, और उसके बाद भारी पुलिस बल। वहां रहने वाले कॉलोनी वासी उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा गैंगस्टरो के अवैध कब्जे को तोड़ने के लिए जिस तरह का एक्शन टीवी में देखा है वही एक्शन आज यहां था। परंतु मोपका के विवेकानंद नगर में कोई इतना बड़ा गैंगस्टर तो नहीं है फिर यह तैयारी किसके लिए है? शासकीय तोडू दस्ता दस्ता धीरे-धीरे आगे बढ़ती गई और प्रशासन के टार्गेट में आई खसरा नं 882/06 पर आकर रुक गई। इस समय पूरी टीम को बिलासपुर तहसील के अतिरिक्त तहसीलदार के के जायसवाल लीड कर रहे थे। क्योंकि वे शहर के जमीनों के एक्सपर्ट माने जाते हैं। हल्का नं, खसरा नं, सभी उनकी उंगली में है। और इस कारण उन्हें पता था कि खसरा न.882/6 कहां है? पूरा दस्ता उसी जमीन पर आकर रुक गई। पुलिस फोर्स में एक मकान का दरवाजा खटखटाया तो एक महिला निकली जिन्होंने अपना नाम मनीषा सिंह बताया। उनके साथ एक व्यक्ति निकला जो काफी अस्वस्थ लग रहे थे। मनीषा सिंह ने इनका परिचय अपने पति के रूप में किया। पुलिस बल, नगर निगम का तोडू दस्ता, एवं अतिरिक्त तहसीलदार के के जायसवाल ने बताया कि आपने राज्य सरकार की वरिष्ठ वन अधिकारी मैडम अनीता नंदी के जमीन पर बेजा कब्जा कर दीवाल बना ली है। उसे ही तोड़ने का आदेश प्रशासन से हुआ है। इस पर मनीषा सिंह ने बताया कि यह प्रकरण अभी भी मान. न्यायालय में लंबित है। और मैडम नंदी एक बार भी मान. न्यायालय में उपस्थित नहीं हुई है तो फैसला एक पक्षीय कैसे हो सकता है? वहां के कॉलोनी वासी भी प्रशासन के अमानवीय कृत्य का विरोध किया। हो हल्ला सुनकर मनीषा सिंह के भाई अंशुमन सिंह और भतीजा मयंक सिंह भी आ गए। मनीषा सिंह के विरोध करने पर प्रशासन ने उन पर बल प्रयोग किया। और उन्हें उनके ही घर में कैद कर सामने एक महिला पुलिस स्टाफ की ड्यूटी लगा दी। सरकंडा पुलिस तो पहले से ही घटनास्थल पर तैनात थी। परंतु जानकारी टी आई के पास पहुंची तो तुरंत मनीषा सिंह, उनके छोटे भाई अंशुमन सिंह (एक्स आर्मी मैन ) और भतीजे मयंक सिंह के खिलाफ एफ आई आर क्रमांक 077/09 जून2023 को धारा 186,333,294 एवं 34 कायम किया। यह अपराध दर्ज कराने वाला कोई अधिकारी नहीं बल्कि तहसील का जमादार माल खाना मनोज राव है। सीनियर वन अधिकारी अनीता नंदी एवं मनीषा सिंह का प्रकरण मीडिया में छाया हुआ था। इस कारण हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम घटनास्थल पहुंचकर जानकारी प्राप्त की तो ज्ञात हुआ कि अनीता नंदी जिन्होंने घंटों में प्रशासन के अमले को दीवार तोड़ने विवेकानंद कॉलोनी भेज दी वास्तव में वह सन 1991 बेच की भारतीय वन सेवा अधिकारी है। और वर्तमान में रायपुर में पदस्थ है। उन्होंने उक्त जमीन को किसी डुलाराम मोटवानी से खरीदने की बात कही परंतु बाद में श्री मोटवानी की कहा कि यह जमीन मैंने नहीं बेची। इसके बाद किसी योगेश मिश्रा की एंट्री हुई। और उसके बाद मनीषा सिंह की। बिलासपुर तहसील ने भी यह माना कि वास्तव में यह जमीन मनीषा सिंह की ही है। और इस कारण अनीता नंदी के प्रकरण को खारिज कर दिया था। अब यह मामला बिलासपुर तहसील में स्टैंड होकर किस तरह मनीषा सिंह के खिलाफ आ गया यह जांच का विषय है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट रूप से अपने अधिकारियों को यह निर्देश दे रखा है कि आपको सिर्फ आम जनता का काम करना है। किसी भी विवाद में पड़कर अपना एवं शासन की छवि नहीं खराब करना है। परंतु न जाने क्यों नंदी मैडम को यह बात समझ में नहीं आ रही है? मोपका के नागरिकों का कहना है कि पूरे बिलासपुर शहर में कई रसूखदारो का जबरदस्त कब्जा है जिसे न तो नगर निगम खाली करा पा रही है और न ही बिलासपुर तहसील के राजस्व अधिकारी। तो ऐसी स्थिति में यह बेजा कब्जा कैसे खाली हो इसके लिए सलाह वरिष्ठ आई एफ एस अधिकारी अनीता नदी से ले।(ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )