*झूठी शिकायतों की बेहतर पढ़ताल कर रहे हैं आजाक थाने के अनुभवी स्टाफ। जातिगत गाली गलौज, मारपीट की धमकी का प्रमाण नहीं दे पा रहे हैं शिकायतकर्ता। पी डब्लू डी अधिकारी सरोज प्रभा लकड़ा ( पाण्डे ) की भी शिकायत में साक्ष्य नहीं है : तपन गोस्वामी [Editor In Chief]*
1 min readबिलासपुर (28 अप्रैल 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] सरकंडा स्थित आजाक थाने के स्टाफ अपनी मेहनत एवं कार्य कुशलता के बल पर जीरो पेंडेंसी की ओर बढ़ रहे है। पहले ऐसा होता था कि यदि कोई आजाक वर्ग के शिकायतकर्ता किसी सामान्य वर्ग के व्यक्ति के खिलाफ शिकायत कर देता था तो आजाक थाने वाले आजाक वर्ग के शिकायतकर्ता की शिकायत को सही मानते हुए एफ आई आर दर्ज कर सामान्य वर्ग के व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल में डाल देते थे। एविडेंस के नाम पर यह कहा जाता था कि वह कोर्ट के ट्रायल का सब्जेक्ट है। परंतु अब ऐसा नहीं है। आजाक थाने में यदि कोई शिकायत आजाक वर्ग के द्वारा किया जाता है जैसे कि जातिगत गाली गलौज, जान से मारने की धमकी तो इस पर आजाक थाने में पदस्थ स्टाफ शिकायतकर्ता की शिकायत की जांच गंभीरता से करते हैं। शिकायतकर्ता को यह प्रूफ करना पड़ता है की सामान्य वर्ग के व्यक्ति द्वारा उसे जातिगत गाली देकर उसके मान सम्मान को घोर आघात पहुंचाया है। इसके लिए वे मोबाइल कॉल रिकॉर्डिंग, ऑडियो, वीडियो को साक्ष्य के रूप में पेश कर सकते हैं। इन साक्ष्य की भी जांच साइबर सेल द्वारा की जाती है। और तब जाकर आरोपी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ़ एट्रोसिटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध होंगे। बिलासपुर का एक हाई प्रोफाइल मामला भी सरकंडा के आजाक थाने में साक्ष्य के अभाव में पेंडिंग है। इसमें पी डब्लू डी के अनुविभागीय अधिकारी यांत्रिक अनु विभाग में कार्यरत इंजीनियर श्रीमती सरोज प्रभा लकड़ा ( पाण्डे ) ने मार्च 2024 को आजाक थाने में रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी मालिक राम मसीह एवं उनके परिवार के खिलाफ श्रीमती सरोज प्रभा के कार को रोककर जातिगत गाली देते हुए जान से मारने की धमकी देने संबंधी शिकायत की। परंतु एक माह के ऊपर हो गए शिकायतकर्ता सरोज प्रभा द्वारा मालिक राम मसीह एवं उनके परिवार के खिलाफ किसी भी तरह का साक्ष्य पेश नहीं कर पाए। शिकायतकर्ता के शिकायत प्राप्त होने के पश्चात से ही आजाक थाने के स्टाफ प्रकरण की जांच में लग गए थे। इस प्रकरण में महत्वपूर्ण बात यह है कि श्रीमती सरोज प्रभा लकड़ा ( पाण्डे) राज्य सरकार का एक जिम्मेदार अधिकारी है। और यदि उनकी शिकायत झूठी निकली तो उनके खिलाफ पुलिस के साथ-साथ उन पर विभागीय कार्रवाई की होने की संभावना। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)