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*शासन के कई करोड़ रुपए के राजस्व बचाने वाले जेम्स बॉन्ड अधिवक्ता प्रकाश सिंह कई भ्रष्ट अधिकारी, भू माफिया एवं जमीन दलालों के बन गए हैं आंखों की किरकिरी। राज्य का सबसे चर्चित जमीन घोटाला भोंदू दास मोपका, चिल्हाटी के खुलासे के हीरो हैं अधिवक्ता प्रकाश सिंह। अब कोटवारी जमीनों के बंदर बाट पर भी प्रकाश सिंह की है जासूसी नजर: तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ]*

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बिलासपुर (04 नवंबर 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] सन 2022 के जुलाई माह में छत्तीसगढ़ विधानसभा में बिलासपुर के एक जमीन घोटाले का मामला उठा था। जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर पूरा मंत्रिमंडल यह सोचने पर मजबूर हो गए थे कि क्या वाकई बिलासपुर के तोरवा निवासी एक अनपढ़ वृद्ध रिक्शा चालक भोंदू दास मानिकपुरी क्या मोपका, चिल्हाटी, लगरा के 40 एकड़ वेश कीमती सरकारी जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर उसे बेच सकता है? इतने बड़े जमीन घोटाले की फाइल तत्कालीन बिलासपुर के राजस्व अधिकारियों द्वारा दबाकर रखा गया था। शहर के कुछ चर्चित भू माफिया एवं जमीन दलालों ने इस बहुचर्चित प्रकरण को दबाने के लिए तत्कालीन राजस्व अधिकारियों को मोटी रकम घुस के रूप में देने के साथ ही शहर के कई बड़े होटलो में रात रंगीन करने की सुविधाए भी उपलब्ध करवाई थी। परंतु मामला दब नहीं सका। क्योंकि कई करोड़ रुपए के इस जमीन घोटाले की फाइल को शहर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता प्रकाश सिंह ने अपनी मेहनत एवं ईमानदारी के बल पर बनाई थी। परंतु उनके कई बार राजधानी रायपुर दौड़ने बार-बार अधिकारियों आवेदन देने। के बाद जब मामला विधानसभा में गया तब मामला खुला और उसके जांच के आदेश दिए गए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अधिवक्ता प्रकाश सिंह ने स्थानीय स्तर पर शिकायत देने के साथ ही मंत्रालय में जो प्रमाणिक शिकायत दी थी और अधिकारियों की जो जांच रिपोर्ट थी वह हु बहु मैच कर गया। और इसके बाद धड़ाधड़ गिरफ्तारियां हुई। कई बड़े भू माफिया के साथ ही कई बड़े सफेद पोश को जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया गया। अभी भी कई सफेद पोश फरार है। परंतु सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बहु चर्चित भोंदू दास प्रकरण में शामिल तीन आरोपी अमल दास विश्वकर्मा, सुरेश मिश्रा एवं हैरी जोसफ जो की कुछ समय पहले ही जेल से छुटकर आए हैं उन्होंने पुनः मोपीका में खसरा नंबर 1859/1में कुल 1.03 एकड़ भूमि के फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज तहसील कर्मियों की मदद से बनाकर उसे बेच दिया। जिसकी प्रमाणिक शिकायत अधिवक्ता प्रकाश सिंह ने प्रशासन को की। प्रशासन द्वारा इस प्रकरण की जांच सक्षम अधिकारियों से कराई गई जिसमें अधिवक्ता प्रकाश सिंह की शिकायत को सही पाया गया। और कुछ दिन पहले थाना सरकंडा में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लाया गया और वर्तमान में वह तीनों जेल में है। इस प्रकरण में भी कई करोड रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा था परंतु अधिवक्ता प्रकाश सिंह के पहल पर वास्तविकता सामने आई और कई करोड़ के राजस्व के नुकसान होने से बच गए। प्रतियोगिता प्रकाश सिंह ने अब कोतवाली जमीनों के बंदर बाट रोकने के लिए उसकी परफेक्ट इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट शासन को दे रहे हैं। जिस पर जांच की कार्रवाई होने के संकेत आ चुकी है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क,

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