*रहस्यों से भरा है मिशन हॉस्पिटल रोड स्थित यूनिटी हॉस्पिटल। नर्सिंग छात्रा किरण वर्मा डेथ ड्यू टू एनेस्थीसिया का है मामला। ऑन कॉल एनेस्थेटिक डॉ जितेंद्र अग्रवाल एवं डॉ नेहा पांडे उस दिन नहीं आए थे तो कौन दिया किरण वर्मा को स्पाइनल एनेस्थीसिया ? : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]*
बिलासपुर (15 मार्च 2025) [तपन गोस्वामी द्वारा] पुराना मिशन हॉस्पिटल रोड स्थित ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल परिसर में स्थित विवादित यूनिटी हॉस्पिटल काफी रहस्य से भरा है। कोई कहता है कि यह शासकीय जमीन पर बेजा कब्जा कर बनाया गया है। एक समय था जन यह हॉस्पिटल गुंडे बदमाशों का अड्डा रहा है। कई खतरनाक गुंडे शहर में गंभीर वारदात करने के बाद इसी यूनिटी हॉस्पिटल में भर्ती रहकर मेडिकल का गंभीर चोट या फर्जी हार्ट डिजीज का रिपोर्ट देकर सेशन कोर्ट यहां तक की हाई कोर्ट से भी बिना गिरफ्तारी जमानत प्राप्त कर लेते थे। ऐसी एक वारदात सन 2021 में हुई थी जिसमें शहर का कुख्यात भू माफिया लिंक रोड स्थित किसी व्यक्ति के ऑफिस बलपूर्वक कब्जा करने गए थे। वहां काफी गुंडागर्दी हुई। कुख्यात भू माफिया को भी चोट लगी थी। और उसके खिलाफ भी तारबहार पुलिस द्वारा गंभीर अपराधों के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। परंतु वह मौके का फायदा उठाकर वहां से भाग गया और मिशन अस्पताल रोड स्थित यूनिटी हॉस्पिटल में भर्ती हो गया। और यूनिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरो पर पानी की तरह पैसा बहाया। पैसों के बल पर यह कुख्यात भू माफिया फर्जी रिपोर्ट बनाकर हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत ले लिया। इसी तरह और भी कई गंभीर घटनाओं के आरोपी इसी यूनिटी हॉस्पिटल में भर्ती रहकर फर्जी रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में पेश करते हैं। और इसी यूनिटी हॉस्पिटल में एक मेडिकल नेगलिजेंसी की घटना घटितहो गई। जिसमें प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज में अध्यनरत छात्रा किरण वर्मा की मौत हो गई। परंतु अब पहले जैसा समय नहीं है की बात को दबा दिया जाए। जानकारी आते ही कलेक्टर अवनीश शरण एक्सपर्ट डॉक्टरों की एक टीम गठित कर दी। जिसमें सिविल सर्जन डॉ अनिल, नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ विजय मिश्रा, डॉ मनीष श्रीवास्तव, डॉ रेणुका सैमुअल, डॉ रमेश साहू एवं डॉ सौरव वर्मा को शामिल किया गया है। दिनांक 13 मार्च 2025 को यूनिटी हॉस्पिटल का दौरा कर ओटी, एनेस्थीसिया प्रोसेस, स्टाफ, रिकॉर्ड, मेडिसिन की जांच कर वहां के डॉक्टर से बात की। परंतु अभी भी डॉक्टरों की जांच टीम सही नतीजे पर पहुंच नहीं पाई। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम के पास कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां है जिसके आधार पर नर्सिंग छात्रा किरण वर्मा की मृत्यु का कारण स्पष्ट हो रहा है। वास्तव में यूनिटी हॉस्पिटल बिलासपुर में सिर्फ दो ही डॉक्टर स्थाई रूप से पदस्थ है। माइनर सर्जरी, मेजर सर्जरी के सर्जन एवं एम. डी यहां ऑन कॉल आते हैं। यहां तक चाहे लोकल एनेस्थीसिया हो या जनरल एनेस्थीसिया एनेस्थेटिक को ऑन कॉल ही बुलाया जाता है। अभी यूनिटी हॉस्पिटल में दो ऑन कॉल एनेस्थेटिक है जिनका नाम डॉ जितेंद्र अग्रवाल एवं डॉ नेहा पांडे है। इससे भी एक महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस दिन यूनिटी हॉस्पिटल में डॉक्टरो ने किरण वर्मा के गले के थायराइड ग्लैंड के ऑपरेशन की तैयारी की तो उस दिन एनेस्थेटिक डॉ जितेंद्र अग्रवाल एवं डॉ नेहा पांडे दोनों अनुपस्थित थे। डॉ नेहा पांडे तो आउट ऑफ़ स्टेशन थी। और ऑपरेशन एकदम फाइनल था। किरण वर्मा को ओटी ले जाया गया परंतु एनेस्थेटिक के ना आने से यूनिटी हॉस्पिटल की एक ओटी स्टाफ द्वारा ही किरण वर्मा को स्पाइनल इंजेक्ट किया गया। एनेस्थीसिया फ्लूट शरीर के दूसरे भाग में चला गया जिससे मरीज की तबीयत बढ़ गई और उसकी मौत हो गई। यह मामला अभी अंडर इन्वेस्टिगेशन है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)