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मुख्यमंत्री श्री बघेल, डीजीपी श्री जुनेजा एवं श्री बीज ध्यान दें। फॉरेंसिक एक्सपर्ट क्या स्टेट सम्मान के हकदार नहीं? अभिषेक मिश्रा मर्डर मिस्ट्री, दीप्ति सोनी मर्डर मिस्ट्री, डॉ जीवन मर्डर मिस्ट्री, नेहा एवं अनन्या मर्डर मिस्ट्री का खुलासा फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन से ही संभव हुआ था: तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]

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बिलासपुर (27 जनवरी 2022)[ तपन गोस्वामी द्वारा ] हमारे दो राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को पुलिस विभाग में बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों एवं स्टाफ को राज्य एवं केंद्र सरकार सम्मानित करती है। एसपी, एडी एसपी,डी एस पी,एवम् थाना प्रभारी को सम्मानित किया जाता है। मंच पर माइक से अनाउंसर जब किसी पुलिस अधिकारी के किसी जटिल मामले के खुलासे की बात कर उनका नाम लेकर सम्मानित करती है तब बहुत कम आदमियों को पता रहता है की किसी भी जटिल मामले का खुलासा करना टी आई के बस की बात नहीं है। आपको मालूम है कि किसी भी थाना क्षेत्र में यदि कोई मर्डर, डकैती, सस्पेक्टेड आत्महत्या एवं लूट की घटना हो जाती है तो थाने का टीआई सबसे पहले फॉरेंसिक टीम को बुलाती है और क्राइम सीन का इन्वेस्टिगेशन करवा कर फॉरेंसिक टीम से महत्वपूर्ण क्लू लेती है। अब हम आपको क्राइम सीन के विषय में बता दे की बहुत ही अनुभवी पुलिस अधिकारी को क्राइम सीन में वह चीज नहीं दिखती जो कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट को वह महत्वपूर्ण क्लू दिख जाती है। और एक टी आई उसी महत्वपूर्ण क्लू को इन्वेस्टिगेशन के प्राइमरी स्टेटस मानकर उस जगह पर पहुंच जाती है जहां पर हत्या के बाद अपराधी छुप कर बैठा रहता है । हम आपको छत्तीसगढ़ पुलिस की फॉरेंसिक टीम द्वारा सुलझाए गए उन जटिल मामलों की जानकारी दे रहे हैं जिसमें पुलिस इन्वेस्टिगेशन के प्राइमरी स्टेज पर ही उलझ कर रह गई थी परंतु फॉरेंसिक टीम के परफेक्ट ओपिनियन ने पुलिस को अपराधी तक पहुंचा ही दिया। इसमें बहुचर्चित विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी भिलाई के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा मर्डर मिस्ट्री, जांजगीर दीप्ति सोनी मर्डर मिस्ट्री, बिलासपुर लोयला स्कूल सुसाइड मिस्ट्री, रायपुर भाटा गांव डॉ जीवन जलतरे मर्डर मिस्ट्री, रायपुर खामार्डिह नेहा एवं अनन्या मर्डर मिस्ट्री, बिलासपुर तोरवा दुर्गा साहू मर्डर मिस्ट्री इसके अलावा और भी टिपिकल केसेस है जिनका फॉरेंसिक ओपिनियन के बिना खुलासा करना असंभव था। अभी बिलासपुर उसलापुर का एक सनसनीखेज मामला दुर्गा नेताम मर्डर मिस्ट्री है जिनके आरोपी फॉरेंसिक टीम के रेंज में आ चुकी है और जल्द ही वे सलाखों के पीछे होंगे। किसी भी जटिल एवं रहस्यमय मामले का खुलासा पुलिस एवं फॉरेंसिक एक्सपर्ट मिलकर करती है तो क्या फॉरेंसिक टीम के इन जांबाज साइंटिफिक अधिकारी एवं स्टाफ क्या राज्य पुरस्कारों से सम्मानित नहीं हो सकते ? अभी राज्य के फॉरेंसिक विभाग को आईपीएस आर के बीज जैसे बहुत ही कुशल, मेहनती एवं व्यवहार कुशल चीफ मिला है अब शायद श्री बीज की नजर अपने विभाग के छुपे हुए जेम्स बांडो पर जरूर पड़ेगी ।( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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