कलेक्टर ने जारी नहीं किया कोई पशु विक्रेता लाइसेंस। यू पी, बिहार के अवैध पशु विक्रेता यहां बेच रहे हैं अमानक पशु। गोकुलधाम एवं अन्य पशु चिकित्सकों के प्रॉपर्टी में हुई बेतहाशा वृद्धि: तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर (29 जनवरी2022)[ तपन गोस्वामी द्वारा ] शासन की अति महत्वाकांक्षी गोकुलधाम योजना वहां के पदस्थ शासकीय पशु चिकित्सक एवं यूपी बिहार के अवैध पशु विक्रेताओं के फर्जीवाड़े में उलझ कर आज दम तोड़ने की कागार पर आ गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यूपी बिहार से जो पशु विक्रेता ट्रकों में भरकर पशु लाते हैं उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि वे पशु गोकुलधाम के लिए ले जा रहे हैं या किसी बूचड़खाने में? कोर्ट का स्पष्ट आदेश है की मूक पशुओं के संरक्षण एवं उन्हें वाहनों में ले जाने के लिए पशु संरक्षण अधिनियम 1960 एवम् 2017 का पूर्ण पालन करना पड़ेगा नहीं तो उन्हें जेल की हवा खानी पड़ेगी परंतु बिलासपुर में ऐसा नहीं है। यूपी बिहार के कई गैर पंजीकृत पशु विक्रेता यहां के शासकीय पशु चिकित्सकों से मिलकर एक गैंग चलाते हैं। गलत ट्रांसपोर्टेशन में अक्सर मूक पशुओं की मृत्यु हो जाती है। कई पशुओं का प्रसव भी ट्रक में होता है एवं अस्वच्छ परिवेश के कारण बच्चे की भी मृत्यु हो जाती है ऐसे कई प्रमाण हमारे पास है। और यह अवैध पशु विक्रेता शासकीय डॉक्टरों एवं बीमा कंपनी के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों से मिलकर फर्जी कैटल क्लेम के कागजात बनाता है और उसे प्राप्त कर लेता है। यह अवैध पशु विक्रेता यहां के सरकारी पशु चिकित्सकों को सभी तरह की सेवाएं उपलब्ध करवाता है हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम ने जो दस्तावेजी एविडेंस प्राप्त किए हैं उसमें कई पशु चिकित्सकों के प्रॉपर्टी में कम समय में ही काफी इजाफा हो गया है। यूपी बिहार से आने वाले अमानक पशुओं को भी अच्छे होने का सर्टिफिकेट भी गोकुलधाम में पदस्थ शासकीय चिकित्सक ही जारी करते हैं। गोकुलधाम एवं बाहर से आने वाले मूक पशुओं पर लगातार हो रहे अत्याचार को देखते हुए इनकी प्रमाणिक शिकायतें राजधानी रायपुर भेजने की तैयारी है। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )