न्याय धानी की कानून व्यवस्था कुछ ठीक-ठाक नहीं। नए एसएसपी पारुल माथुर के सामने अनेक चैलेंज। बिहार एवं झारखंड के ट्रेंड पर चल रहे शहर के भूमियों का कब्जा
1 min readबिलासपुर (13 दिसंबर2021) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] प्रदेश के दूसरे बड़े शहर एवं न्याय धानी के नाम से मशहूर बिलासपुर में अब सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। या हम दूसरे शब्दों में कहें कि बिलासपुर के नागरिक अब अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।पहले तो छोटे-छोटे परंतु अब बड़े-बड़े एवं हाई प्रोफाइल क्राइम से शहर अशांत हो रहा है। थाने के सामने गैंगवार, होटल मालिकों द्वारा विवाह कार्यक्रम में पहुंचकर गुंडागर्दी करना, शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर चंद्रशेखर उइके के जमीन पर कब्जा करना एवं दिनदहाड़े होटल कारोबारी के अपहरण को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि यह क्राइम स्टोरी की स्क्रिप्ट बिहार एवं झारखंड में बैठकर लिखी गई है और इसका क्रियान्वयन न्याय धानी बिलासपुर में हो रही है। शहर में बढ़ते गंभीर अपराधिक गतिविधियों का विश्लेषण करें तो एक बात स्पष्ट हो रही है और वह है शहर के क्रिमिनल गैंग का किसी ना किसी पॉलीटिकल पार्टी से अटैचमेंट। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम ने अभी शहर में घटित दो हाई प्रोफाइल घटनाओं पर अपनी जासूसी नजर डाली तो दोनों के पीछे राजनैतिक संरक्षण की बात उभरकर सामने आई है। जिसमें दिनांक 9 दिसंबर को घटित पराठा हाउस के रमित मिश्रा अपहरण कांड एवं दूसरा शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर उइके के खाली पड़ी जमीन पर कब्जा। दोनों घटनाओं में गुंडों को संरक्षण देने का मामला सरकंडा के एक तथाकथित नेता के निवास के चौखट से शुरू होती है और वही जाकर समाप्त हो जाती है। हमें एक महत्वपूर्ण जानकारी भी प्राप्त हुई है जिसमें बिलासपुर सेंट्रल जेल एवं कोरबा जेल से रेगुलर बेल पर छूटे कुछ खतरनाक अपराधियों का कांटेक्ट बिलासपुर के कुछ अपराधियों से हो गया है जिससे आने वाले समय में शहर में कुछ और उत्पात मचा सकते हैं। शहर के नए एसएसपी पारुल माथुर शहर में 11 वर्ष बाद लौटी हैं पहले शहर में वे प्रशिक्षु एसपी थी बाद में मुंगेली के एसपी इस कारण वे शहर के गुंडे बदमाशों के ताशिर से वाकिफ है। परंतु राजनैतिक संरक्षण प्राप्त अपराधिक तत्वों से निपटना नए एसएसपी के लिए एक चैलेंज होगा ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )