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शहर के हिस्ट्रीशीटर एवं गुंडे बदमाशों की पहुंच अब एम.एल.सी ( मेडिको लीगल ) केस पर भी। सरकारी एवं निजी अस्पतालों में एमएलसी रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़। मारपीट की घटना को (आर.टी. ए) रोड ट्रेफिक एक्सीडेंट में बदला जा रहा है : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]

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बिलासपुर ( 1 मार्च 2022) [ तपन गोस्वामी द्वारा] शहर के हिस्ट्रीशीटर एवं गुंडे बदमाशों की उनके आकाओं के माध्यम से पहुंच अब सरकारी अस्पताल एवं निजी अस्पतालों के एमएलसी ( मेडिको लीगल) रिपोर्ट तक हो चुकी है। जो एक खतरनाक संकेत है। शहर के भू माफियाओं एवं हिस्ट्रीशीटर के इशारे पर खतरनाक गुंडे शहर के उन आम आदमियों पर अटैक करता है जो इनके गलत कामों का विरोध करता है। गुंडे वारदात करते समय लोहे का रॉड पाइप वगैरह का उपयोग करते है जिससे आदमी गंभीर रूप से घायल हो जाता है। प्लानिंग के अनुसार इन गुंडों के आंका थाने में बैठकर यह पता लगाते हैं कि घायल को किस अस्पताल में ले जाया गया। वारदात करने वाले गुंडों के आका उस अस्पताल में पहुंचकर एमएलसी सेटिंग में लग जाते है। डॉक्टर को पैसे के साथ साथ पॉलीटिकल प्रेशर डालकर गंभीर चोट को सामान्य चोट में तब्दील कर एमएलसी रिपोर्ट बनाते हैं। और यदि ऐसा हुआ कि मामले की जांच में उनके आंकाओ के फंसने का चांस होता है तो डॉक्टर को परचेस कर पूरी एमएलसी रिपोर्ट आर.टी.ए अर्थात ( रोड ट्रेफिक एक्सीडेंट) का बना लेते हैं। अब बात उस पुलिस स्टाफ की है जो घायल आदमी का कथन लेने हॉस्पिटल जाएगा परंतु घायल आदमी क्या बयान देगा उससे उस पुलिस वाले का कोई मतलब नहीं वह तो उसी पर कायम रहेगा जिसके लिए हिस्ट्रीशीटर के साथ उसकी अंडर हैंड डीलिंग हुई है। शहर के एक थाने का ऐसा ही प्रकरण हमारे पास है जिसमें गुंडों ने मारपीट कर एक व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया था परंतु रुपयों की माया ने उसे वाहन दुर्घटना में तब्दील कर दिया। एमएलसी रिपोर्ट की जांच और उसके बाद आरोपी के खिलाफ धारा लगाने के परीक्षण हेतु राजपत्रित पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी गठित होनी चाहिए जिसमें डॉक्टर की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो।( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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