मेरा नाम है उषा साहू मैं जिला पंजीयक अधिकारी हूं। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। दूसरे जिले में मेरी एक रिश्तेदार है कलेक्टर, यह है उषा साहू के डायलॉग। उषा साहू की बेनामी संपत्ति 50 करोड़ पार : तपन गोस्वामी ([एडिटर इन चीफ]
qबिलासपुर (8 अप्रैल 2022)[तपन गोस्वामी द्वारा] मेरा नाम है उषा साहू मैं जिला पंजीयक अधिकारी हूं मेरी एक रिश्तेदार दूसरे जिले में है कलेक्टर मैं किसी से नहीं डरती और ना ही किसी शिकायत की परवाह करती। रजिस्ट्री ऑफिस की सबसे पावरफुल लेडी उषा साहू अभी जिला पंजीयक के पद पर बैठी है। उषा साहू आम जनता एवम गरीबों को कुछ नहीं समझती उनसे वह भरपूर दुर्व्यवहार करती है और उनकी शिकायत बड़े अधिकारियों से करो तो लेडी डॉन जैसी व डायलॉग मारती है। उषा साहू के चेंबर में हमेशा से शहर के नामी-गिरामी भू माफिया एवं कुछ तथाकथित बिल्डरों की आवाजाही देखी जा सकती है। एक साधारण सरकारी नौकरी परंतु आज उनके पास 50 करोड़ से ऊपर बेनामी संपत्ति है। सबसे अधिक कमाई उषा साहू ने मोपका के सरकारी जमीनों को फर्जी रजिस्ट्री करने एवं उसे बेचने में लगे भू माफियाओं से कमाई। हमारे न्यूज़ नेटवर्क के पास पंजीयक उषा साहू द्वारा जमीनों की किए गए फर्जीवाड़े की पूरी दस्तावेज है। हमारे पास वह प्रमाण भी है कि पंजीयक उषा साहू किस तरह गरीबों को परेशान करने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाती है। मोपका के 993(1) वाले प्रकरण में एक महिला से पुरुष बनाकर रजिस्ट्री कर दी परंतु मामले की जब शिकायत हुई तो रजिस्ट्री कागजात में ऐसे कांट छठ की जैसे कि यह कोई शासकीय दस्तावेज ना होकर उनके घर का दूध का बिल है जिसे वह कांट छांट कर रही है भ्रष्ट पंजीयक उषा साहू जैसे सरकारी अधिकारी पूरे सरकारी सिस्टम को घुन की तरह खोखला करने में लगे हैं। स्थानीय कलेक्टर, राजस्व मंडल एवं राजधानी रायपुर में उषा साहू के खिलाफ जमीन फर्जीवाड़े की शिकायतें हैं परंतु इस पर कार्रवाई इसलिए नहीं होती कि पंजीयक उषा साहू को बचाने वाले भी अधिक है। एसीबी मे भी इनके खिलाफ कई शिकायतें हैं और कई प्रकरणों में यह आर्थिक अपराध का केंद्र बिंदु भी है। सरकारी सिस्टम को खोखला करने वाले पंजीयक उषा साहू के खिलाफ शिकायतों की जांच कर उन पर कार्यवाही करने वाले एसीबी के स्टाफ अपने ऑफिस में बैठकर ठंडी में अंगीठी तापते है। और गर्मी में कोल ड्रिंग्स का आनंद लेते है। (Buro report jasusi najar news network)