बिलासपुर कलेक्ट्रेट में राजा महाराजा प्रणाली लागू? आम जनता नगर विधायक शैलेश पांडे एवं सांसद अरुण साव से कभी भी मिल सकते हैं परंतु कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर से नही : तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर (19 अप्रैल 2022 ) [तपन गोस्वामी द्वारा] कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर वैसे तो आईएएस के साथ साथ एमबीबीएस भी है। परंतु इनका प्रभाव न तो इनके प्रशासनिक अमले में है और न ही स्वास्थ्य सेवाओं में। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कलेक्ट्रेट में प्रतिदिन हजारों की संख्या में दिन दुखियारी अपने समस्याओं को लेकर आते हैं परंतु कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर अपने कार्यकाल में न तो किसी का ज्ञापन लिए हैं और न ही किसी के समस्याओं का समाधान किए हैं। भूखे प्यासे धूप में तपते हुए ग्रामीण एवं शहर के नागरिक बहुत आशा एवं विश्वास के साथ अपने कलेक्टर से मिलने आते हैं। परंतु या तो कलेक्टर साहब नहीं मिलते या फिर चेंबर में रहने के दौरान भी आम जनता से मिलना पसंद नहीं करते। कल भी वही समस्या आई पूरा का पूरा गांव उजड़ने की आशंका से परेशान ग्राम घुट्कु एवं नीरतु के ग्रामीण वहां लग रहे विध्वंसक कोल वॉशरीज का जमकर विरोध कर रहे हैं। और विगत 19 एवम 20 अप्रैल को हो रही जनसुनवाई को रद्द करने के लिए कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर से मिलने आए थे परंतु वह नहीं मिले। वैसे बिलासपुर कलेक्टर डॉ मित्तर का फोटो प्रतिदिन किसी ना किसी समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल में दिखते रहते हैं इसलिए उन्हें सब पहचानते हैं परंतु वे आम जनता से दूरी बनाए हुए हैं। कल जब ग्रामीण जन कलेक्टर से मिलने आए और कलेक्टर साहब नहीं मिले तो परेशान ग्रामीणों को यह कहते सुना गया कि कलेक्टर से तो अच्छा अपना विधायक शैलेश पांडे है जो हमेशा आम आदमियों के मध्य रहते हैं और कभी भी और किसी भी समय विधायक से मिला जा सकता है। वैसे सांसद अरुण साव से भी आम जनता कभी भी मिल सकती है। कलेक्टर बिलासपुर डॉ सारांश मित्तर आम आदमियों से मिलना पसंद नहीं करते परंतु 25 दिसंबर 2021 की घटना है छोटे रेल्वे स्टेशनों में यात्री ट्रेनों को रोका नहीं जा रहा था इसके विरोध में रेल्वे स्टेशन के सामने आंदोलनकारी टेंट लगाकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे परंतु आरपीएफ के स्टाफ इन आंदोलनकारियों के टेंट को उखाड़ कर ले जा रहे थे उसी समय कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर भी स्टेशन पहुंचे और उन्होंने आरपीएफ स्टाफ को टेंट उखाड़ने से मना किया और कहा की धरना आंदोलन नागरिकों का अधिकार है। और कलेक्टर को देखकर आरपीएफ स्टाफ वहां से भाग खड़े हुए। परंतु जब ग्रामीण और आम आदमी परेशान होकर अपने कलेक्टर से मिलने आते हैं तो कलेक्टर डॉ मित्तर उनसे मिलना क्यों नहीं चाहते? ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )