पुलिस निगम के दागदार इंजीनियर सुरेश बरुआ एवं वही के डाटा एंट्री ऑपरेटर मैडम भगवती को हिरासत में ले तो खुल जाएगा पीएम आवास घोटाले के सारे राज : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर ( 8 मई 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] पीएम आवास योजना के घोटाले में सिविल लाइन पुलिस का इन्वेस्टिगेशन जहां से शुरू हुआ था वहीं पर समाप्त हो गई । परसों दौड़ धूप करके एक आरोपी विजय साहू को पकड़ने में अपना समय खराब किया और उसके जेब में रखें कीटनाशक ( ऑर्गेनिक फास्फोरस ) ने पुलिस को संदेह के दायरे में ही खड़ा कर दिया । क्योंकि विजय ने उसका सेवन किया था पुलिस जल्दबाजी में उससे वेगस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया और स्टमक वॉश के बाद वह ठीक हुआ। वैसे विजय साहू की पत्नी राधा साहू भी आवास घोटाले में सह आरोपी है और सिविल लाइन द्वारा बनाए गए चार्ज शीट में राधा साहू का भी नाम है परंतु ऐसी जानकारी आ रही है कि पुलिस राधा साहू को सरकारी गवाह बनाएगी। पुलिस इन टूट पुंजिए एजेंटों को पकड़ने में अपना समय खराब करते हुए बदनामी की हिस्सेदार भी बन रही है। आपको हम बता दे कि पीएम आवास योजना का नोडल अधिकारी नगर निगम का एक बदनाम सुदा इंजीनियर सुरेश बरुआ है। और बरुआ के विषय में कुछ कहने की जरूरत नहीं है । कई प्रकरणों में इनके खिलाफ एफ आई आर है परंतु यह जेल नहीं गए परंतु निगम के 2 इंजीनियर सुधीर गुप्ता एवं फरीद कुरैशी जेल यात्रा कर वापस लौट चुके हैं। यह प्रदेश का सबसे बड़ा पीएम आवास घोटाला है। जिसकी शुरुआत निगम के उस केविन से शुरू हुई जहां सुरेश बरूआ बैठते हैं । निगम में बरूआ के एक विश्वास पात्र डाटा एंट्री ऑपरेटर है इस मैडम का नाम भगवती है। और सुरेश बरुआ के कहने पर ही मैडम भगवती शिव कोरी, भीम पटेल, सूरज यादव, राधा साहू,विजय साहू को एजेंट बनाए थे और इनको निगम के कंप्यूटर से ही रशीद एवं कब्जा लेटर बना कर दी। पुलिस यदि वास्तव में पीएम आवास घोटाले के तह तक पहुंचना चाहती है तो बिना देर किए निगम इंजीनियर सुरेश बरूआ एवं मैडम भगवती को हिरासत में लेकर पूछताछ करें तो मामला आईने की तरह साफ हो जाएगा । ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )