शहर के सहस्त्र एकेडमी कोचिंग सेंटर एवं लाइब्रेरी पर सवाल। क्या ये एसडीएम भागवत जसवाल एवं डिप्टी कलेक्टर रुचि शर्मा का है? या इनके प्रभाव का इस्तेमाल कोचिंग सेंटर के टीचर कर रहे हैं? तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर ( 30 मई 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] दयालबंद के पंजाबी कॉलोनी स्थित सहस्त्र अकादमी लाइब्रेरी का बृहद परिसर एवं बिहारी टॉकीज के सामने स्थित सहस्त्र कोचिंग सेंटर क्या छ.ग. सरकार के राजपत्रित अधिकारी एसडीएम भागवत जायसवाल एवं डिप्टी कलेक्टर रुचि शर्मा की है ? दयालबंद के पंजाबी कॉलोनी स्थित सहस्त्र अकेडमी लाइब्रेरी जिसमें एक भी पुस्तक नहीं है सिर्फ स्टडी सेंटर इस में आने वाले छात्र-छात्राओं को बिना पुस्तक सिर्फ एक छोटे से टेबल कुर्सी देकर कई हजार रुपए प्रतिमाह वसूला जाता है। सिर्फ पढ़ने के लिए वह भी पुस्तक विहीन लाइब्रेरी के छात्र-छात्राएं अपने घर या हॉस्टल के अपने कमरे में पढ़ सकते हैं परंतु इन छात्र-छात्राओं का मकसद ही दूसरा है और कुछ दिनों बाद स्टडी सेंटर अच्छा खासा लवर्स प्वाइंट बनकर रह जाएगा। इनकी कोचिंग सेंटर भी है और इस कोचिंग सेंटर में पढ़ाने वाले टीचिंग स्टाफ सिर्फ यह बोलकर छात्र-छात्राओं का ब्रेन वाश करते रहते हैं कि यह कोचिंग सेंटर एसडीएम साहब भागवत जयसवाल एवं डिप्टी कलेक्टर मैडम रुचि शर्मा दोनों मिलकर चला रहे हैं इस कारण आप इस कोचिंग सेंटर में ज्वाइन किए तो प्रशासनिक अधिकारी बन कर ही निकलोगे। और इस तरह कोचिंग सेंटर के प्रबंधन छात्र छात्राओं से भारी-भरकम फीस वसूलते हैं। और किसी कारण बस छात्र छात्राओं के फीस समय पर जमा नहीं होते तो ये टीचिंग स्टाफ भरे क्लास में छात्र छात्राओं को अभद्र भाषा से प्रताड़ित करते हैं। छात्र छात्राएं सिर्फ यह जानकर कि सहस्त्र कोचिंग सेंटर एक एसडीएम एवं एक डिप्टी कलेक्टर मैडम मिलकर चला रहे हैं और उन्हें प्रतियोगी परीक्षा में पास होने की शत प्रतिशत गारंटी है तो वे दूसरे कोचिंग सेंटर को छोड़कर लाखों रुपए फीस देकर सहस्त्र कोचिंग सेंटर में अपना एडमिशन कराते हैं। अब यह जांच का विषय है कि वास्तव में सहस्त्र कोचिंग सेंटर एवं लाइब्रेरी किसी एसडीएम एवं डिप्टी कलेक्टर की है या फिर छात्रों के मध्य भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए कोचिंग सेंटर के प्रबंधन इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )