[ जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क की खबर ] शहर के कुख्यात भू माफियाओं के एक सिंडिकेट को ऑपरेट कर रहे हैं तहसीलदार रमेश मोर। इनके पास तीन मोबाइल जिसमें एक सिर्फ भू माफियाओं के नंबर। रमेश मोर के चेंबर में बन रहा है प्लानिंग झूठे केस में कैसे फसाया जाए शिकायत कर्ताओं को ? तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर ( 11 जून 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] शहर के छठे हुए बदमाशों एवं कोर्ट के शशर्त आदेशों के उपेक्षा कर जमानत पर घूमने वाले कुख्यात भू माफियाओं का आवभगत आजकल तहसीलदार रमेश मोर के चेंबर में बहुत ही अच्छी तरह से हो रहा है। अपनी जमीनों के फर्जीवाड़े की शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता तहसीलदार रमेश मोर के दर्शन के लिए तरस रहे हैं। तहसीलदार रमेश मोर अपने साथ दो मोबाइल एवं गाड़ी में एक मोबाइल इस तरह वे तीन मोबाइल रखते हैं एक तो सरकारी कामकाज और दूसरा मोबाइल जो उनके जान से भी प्यारा है उसमें कुछ संदिग्ध नंबर के साथी शहर के कुख्यात भू माफियाओं के नंबर है। तहसीलदार रमेश मोर एक बार अपने अधिकारियों के मोबाइल कॉल को इग्नोर कर सकते हैं परंतु उनके दूसरे मोबाइल में आ रहे भू माफियाओं के नंबर को किसी भी तरह इग्नोर नहीं कर सकते। और उससे तुरंत रिसीव करते है। पहले तहसीलदार रमेश मोर का कामकाज काफी व्यवस्थित था परंतु आर्थिक एवं दूसरे तरह के लालच में पड़कर वह शहर के कुख्यात भू माफियाओं के जाल में फंस गए हैं। सूत्र बताते हैं कि शहर का एक कुख्यात भू माफिया तहसीलदार रमेश मोर से कई उल्टे सीधे काम करवा कर इनकी बहुत सारी मोबाइल कॉल की रिकॉर्डिंग एवं वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखे हैं जिसके माध्यम से वह भू माफिया इन्हें ब्लैकमेल कर रहा है। जांच होने पर इसकी वास्तविकता सामने आएगी। तहसीलदार रमेश मोर अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर शासन को अरबों रुपए का नुकसान पहुंचा रहे हैं। तहसीलदार मोर को यह अच्छी तरह से पता है कि वह भू माफिया के जाल में आ चुके है और इससे निकलना काफी मुश्किल है। भू माफिया का मोबाइल कॉल आने से तहसीलदार मोर काफी विचलित एवं परेशान हो जाते है। बिलासपुर तहसील की गोपनीय एवं विवादित फाइलें जो अधिकारी के पास वर्षों नहीं पहुंचती तहसीलदार रमेश मोर विवादित एवं गोपनीय फाइलों के दस्तावेज की फोटो कॉपी कुख्यात भू माफियाओं के पास पहुंचा देते हैं। अभी-अभी जमीन के करोड़ों रुपए के एक घोटाले की शिकायत जिसमें तहसीलदार रमेश मोर की अटैचमेंट स्पष्ट रुप से परिलक्षित हो रहा है इसकी शिकायत कमिश्नर राजस्व बिलासपुर में किया गया। शहर के भू माफियाओं के एक सिंडिकेट को तो तहसीलदार रमेश मोर ऑपरेट कर रहा है परंतु दूसरा भी एक सिंडिकेट बन गया है जो कि किसी भी मामले में तहसीलदार रमेश मोर के सपोर्टिंग सिंडिकेट से कमजोर नहीं है शहर के भू माफियाओं का दूसरा सिंडिकेट को अपने प्रतिद्वंदी सिंडिकेट पर नजर रखने की जरूरत नहीं है वह सिर्फ तहसीलदार रमेश मोर के सभी अवैधानिक क्रियाकलापों पर नजर बनाए हुए हैं उन्हें मालूम है कि तहसीलदार रमेश मोर भू माफियाओं के पहले सिंडिकेट के ब्लैकमेल का शिकार होकर अवैधानिक, गलत एवं उल्टे सीधे काम कर रहे हैं इसके सारे दस्तावेज सुरक्षित है और समय आने पर इतना भयानक खुलासा होगा कि कई जेल के अंदर रहेंगे। पहले जब तहसीलदार रमेश मोर यहां आए थे तब उनके सीधे-साधे व्यक्तित्व से सभी प्रभावित थे। आम जनता के प्रकरणों को बहुत ही जल्द निराकरण करते थे परंतु शहर के कुख्यात भू माफियाओं ने उनकी वर्क स्टाइल एवं लाइफ स्टाइल में काफी चेंज ला दिए। और जमीन घोटालों में जब से इनका नाम आ रहा है तब से उनका व्यक्तित्व एवं एक्टिविटीज काफी एलरहस्यमय हो गई है। अब उनके चेंबर में यह प्लानिंग बनती है कि उनके खिलाफ शिकायत करने वाले को किस तरह फसाया जाए। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नगर न्यूज़ नेटवर्क )