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प्रियंका सिंह हत्याकांड में आरोपी आशीष साहू ने किसी शेयर मार्केट में नहीं बल्कि मनी लांड्रिंग कंपनी एप्स टॉप्स में प्रियंका के 19 लाख रुपए लगाकर उससे ठगी और प्लांड मर्डर किया : तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ ]

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बिलासपुर (20 नवंबर 2022) [तपन गोस्वामी एवं शकील खान द्वारा ] बिलासपुर में घटित प्रियंका सिंह हत्याकांड में एक नई बात उभरकर सामने आ रही है। पुलिस मर्डर मोटिव शेयर मार्केट में घाटे को मानकर चल रही है। परंतु आज हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम ने आरोपी आशीष साहू के निवास जाकर इस संबंध में जानकारी प्राप्त की आशीष साहू के पिता अपेक्स बैंक जश पुर में कार्यरत हैं। घटना की जानकारी पर वे बिलासपुर पहुंचे परंतु उन्हें अपने पुत्र आशीष साहू एवं मृतिका प्रियंका सिंह के संबंधों के विषय में कुछ भी पता नहीं है। हमें यह भी जानकारी प्राप्त हुई कि आशीष साहू दयालबंद स्थित अपने मेडिकल शॉप में साइबर कैफे भी चलाते थे। भिलाई में रहने वाली प्रियंका सिंह जोकि दयालबंद के पटेल ट्यूटोरियल में कोचिंग कर रही थी। ऑनलाइन फॉर्म वगैरह भरने आशीष साहू के मेडिकल स्टोर कम साइबर कैफे में जाति थी। ऑनलाइन फॉर्म के अलावा, मनी ट्रांसफर करने एवं रेलवे रिजर्वेशन के लिए जाया करती थी। आरोपी आशीष साहू को पता लग गया था कि या लड़की पैसे वाले घर की है और उसे जैसे बोला जाए वैसे करेगी। आरोपी आशीष साहू ने प्रियंका सिंह को पैसे कमाने के कई तरीके बताएं। पहले शेयर मार्केट में प्रियंका सिंह से पैसे लेकर आशीष साहू ने लगाया। उसमें कुछ फायदा हुआ। परंतु अब आशीष साहू का मन बदल गया वह अकेला पैसा कमाना चाह रहा था और वह भी कुछ बिना पैसा लगाए। इसके लिए आशीष ने प्रियंका सिंह को मोहरा बनाया। और उससे पैसा लेकर मनी लेंडिंग कंपनी एप्स टॉप्स में पैसा लगाने लगा। उस से होने वाले फायदे के रकम को प्रियंका सिंह को न देकर वह खुद रख लेता था। और प्रियंका सिंह को यह कहता था की कंपनी को घाटा हो गया इस कारण डिविडेंड नहीं मिलेगा। आगे होने वाले फायदे की आस में प्रियंका सिंह अपने रिश्तेदारों से झूठ बोलकर पैसा लेते गया। और इस तरह 19 लाख रुपए आशीष साहू को दे दिया। अब इस मनी लॉन्ड्रिंग कंपनी में फायदा हुआ या घटा यह तो पुलिस के इन्वेस्टिगेशन का विषय है। परंतु प्रियंका सिंह पर उनके रिश्तेदारों का पैसा लौटाने हेतु दबाव पड़ने लगा। प्रियंका सिंह बार-बार आशीष साहू को पैसा लौटाने की बात करती रहे परंतु आशीष साहू उसे कोई दूसरा नया पैसा कमाने के तरीका बता कर उसे बेवकूफ बनाता रहा। और मन ही मन उसके मर्डर का प्लान बनाता रहा। और जब प्रियंका सिंह आशीष पर दवाब बनाया तो अपने एजेंसी में बुलाकर उसका मर्डर कर दिया। आरोपी आशीष साहू मेडिकल लाइन का आदमी है इस कारण वे प्रियंका सिंह की हत्या करने के बाद डेड बॉडी में नॉर्मल सलाइन डाला जिससे डेड बॉडी में mageds देर से लगे जिससे दुर्गंध देर से आई। और डेड बॉडी को कार में डालकर अपने निवास कस्तूरबा नगर में रख दिया। डेड बॉडी 3 दिन होने के कारण डीकंपोज होना शुरु हो गया था। गिरफ्तारी के बाद भी उसके चेहरे पर इतने बड़े कांड का कोई शिकन तक नहीं है। थाना प्रभारी सिटी कोतवाली प्रदीप आर्य द्वारा इस बात की गंभीरता से जांच की जा रही है कि शेयर मार्केट और मनी लॉन्ड्रिंग एप्स टॉप्स में प्रियंका सिंह एवं आरोपी आशीष साहू का क्या बैंकिंग ट्रांजेक्शन है? पुलिस यह भी पता लगा रही है कि आरोपी आशीष साहू एवं मृतका प्रियंका सिंह के मध्य और कोई संबंध तो नहीं है ? आरोपी आशीष साहू से अभी पूछताछ जारी है उसे कल न्यायालय में पेश किया जाएगा। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर की न्यूज़ नेटवर्क )बिलासपुर (10 नवंबर 2022) [तपन गोस्वामी एवं शकील खान द्वारा ] बिलासपुर में घटित प्रियंका सिंह हत्याकांड में एक नई बात उभरकर सामने आ रही है। पुलिस मर्डर मोटिव शेयर मार्केट में घाटे को मानकर चल रही है। परंतु आज हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम ने आरोपी आशीष साहू के निवास जाकर इस संबंध में जानकारी प्राप्त की आशीष साहू के पिता अपेक्स बैंक जश पुर में कार्यरत हैं। घटना की जानकारी पर वे बिलासपुर पहुंचे परंतु उन्हें अपने पुत्र आशीष साहू एवं मृतिका प्रियंका सिंह के संबंधों के विषय में कुछ भी पता नहीं है। हमें यह भी जानकारी प्राप्त हुई कि आशीष साहू दयालबंद स्थित अपने मेडिकल शॉप में साइबर कैफे भी चलाते थे। भिलाई में रहने वाली प्रियंका सिंह जोकि दयालबंद के पटेल ट्यूटोरियल में कोचिंग कर रही थी। ऑनलाइन फॉर्म वगैरह भरने आशीष साहू के मेडिकल स्टोर कम साइबर कैफे में जाति थी। ऑनलाइन फॉर्म के अलावा, मनी ट्रांसफर करने एवं रेलवे रिजर्वेशन के लिए जाया करती थी। आरोपी आशीष साहू को पता लग गया था कि या लड़की पैसे वाले घर की है और उसे जैसे बोला जाए वैसे करेगी। आरोपी आशीष साहू ने प्रियंका सिंह को पैसे कमाने के कई तरीके बताएं। पहले शेयर मार्केट में प्रियंका सिंह से पैसे लेकर आशीष साहू ने लगाया। उसमें कुछ फायदा हुआ। परंतु अब आशीष साहू का मन बदल गया वह अकेला पैसा कमाना चाह रहा था और वह भी कुछ बिना पैसा लगाए। इसके लिए आशीष ने प्रियंका सिंह को मोहरा बनाया। और उससे पैसा लेकर मनी लेंडिंग कंपनी एप्स टॉप्स में पैसा लगाने लगा। उस से होने वाले फायदे के रकम को प्रियंका सिंह को न देकर वह खुद रख लेता था। और प्रियंका सिंह को यह कहता था की कंपनी को घाटा हो गया इस कारण डिविडेंड नहीं मिलेगा। आगे होने वाले फायदे की आस में प्रियंका सिंह अपने रिश्तेदारों से झूठ बोलकर पैसा लेते गया। और इस तरह 19 लाख रुपए आशीष साहू को दे दिया। अब इस मनी लॉन्ड्रिंग कंपनी में फायदा हुआ या घटा यह तो पुलिस के इन्वेस्टिगेशन का विषय है। परंतु प्रियंका सिंह पर उनके रिश्तेदारों का पैसा लौटाने हेतु दबाव पड़ने लगा। प्रियंका सिंह बार-बार आशीष साहू को पैसा लौटाने की बात करती रहे परंतु आशीष साहू उसे कोई दूसरा नया पैसा कमाने के तरीका बता कर उसे बेवकूफ बनाता रहा। और मन ही मन उसके मर्डर का प्लान बनाता रहा। और जब प्रियंका सिंह आशीष पर दवाब बनाया तो अपने एजेंसी में बुलाकर उसका मर्डर कर दिया। आरोपी आशीष साहू मेडिकल लाइन का आदमी है इस कारण वे प्रियंका सिंह की हत्या करने के बाद डेड बॉडी में नॉर्मल सलाइन डाला जिससे डेड बॉडी में mageds देर से लगे जिससे दुर्गंध देर से आई। और डेड बॉडी को कार में डालकर अपने निवास कस्तूरबा नगर में रख दिया। डेड बॉडी 3 दिन होने के कारण डीकंपोज होना शुरु हो गया था। गिरफ्तारी के बाद भी उसके चेहरे पर इतने बड़े कांड का कोई शिकन तक नहीं है। थाना प्रभारी सिटी कोतवाली प्रदीप आर्य द्वारा इस बात की गंभीरता से जांच की जा रही है कि शेयर मार्केट और मनी लॉन्ड्रिंग एप्स टॉप्स में प्रियंका सिंह एवं आरोपी आशीष साहू का क्या बैंकिंग ट्रांजेक्शन है? पुलिस यह भी पता लगा रही है कि आरोपी आशीष साहू एवं मृतका प्रियंका सिंह के मध्य और कोई संबंध तो नहीं है ? आरोपी आशीष साहू से अभी पूछताछ जारी है उसे कल न्यायालय में पेश किया जाएगा। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर की न्यूज़ नेटवर्क )

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