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आशीष साहू के संगत में बहुत ही रहस्यमय जिंदगी जी रही थी प्रियंका सिंह। आज सीजेएम मनीष कुमार दुबे की अदालत में पेश किया गया आशीष को। जेल रवानगी : तपन गोस्वामी [editor-in-chief]

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बिलासपुर (21 नवंबर 2022 ] [तपन गोस्वामी एवं शकील खान द्वारा ] प्रियंका सिंह हत्याकांड के आरोपी आशीष साहू ने जैसे-जैसे मर्डर की स्क्रिप्ट लिखी थी ठीक वैसे वैसे ही घटना घटित हुई। आशीष साहू को पता था कि उसने प्रियंका सिंह की हत्या तो कर दिया परंतु उसे कानून के हाथ से कोई नहीं बचा सकता। इसलिए कल सिटी कोतवाली एवं आज सीजेएम कोर्ट परिसर में निश्चिंत बैठकर अपने परिवार के सदस्यों से बातचीत कर रहा था। आज कोर्ट परिसर में आशीष की पत्नी भी मिलने आई थी। आरोपी आशीष साहू के हाव भाव से स्पष्ट लग रहा था कि प्रियंका सिंह की हत्या करने के बाद उसे कोई अफसोस नहीं है। बल्कि प्रियंका सिंह के नाम का एक बहुत बड़ा बोझ उसके सर से उतर गया है। आज दोपहर पुलिस की पूरी सुरक्षा के साथ आरोपी आशीष साहू को सीजेएम मनीष कुमार दुबे के अदालत में पेश किया गया। जहां उसे जुडिशल कस्टडी में भेजा गया। बिलासपुर शहर का कोचिंग कल्चर बहुत ही खराब होता जा रहा है। पूरा का पूरा कोचिंग सिस्टम काफी रहस्य से भरा हुआ है। रायपुर के कई प्रभावशाली अधिकारियों का कोचिंग सेंटर भी बिलासपुर में संचालित हो रहा है। कोचिंग सेंटर की अंदर की बात बाहर नहीं आती। और आती भी है तो प्रियंका सिंह मर्डर के रूप में आती है। इससे पहले भी कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाली लड़कियों की आत्महत्या के काफी प्रकरण सामने आए परंतु उनका परफेक्ट इन्वेस्टिगेशन नहीं हुआ जिससे उनके मौतों के कारण का पता नहीं चला। इसका कारण यह है कि कोचिंग सेंटर प्रभावशाली व्यक्तियों के हाथों में है और बड़े से बड़े प्रकरणों को दबाने की कला में वे पारंगत है। बाहर से यहां आकर पढ़ने वाले बच्चों के सभी अभिभावक संपन्न नहीं है। कोचिंग के नाम से काफी मोटी रकम प्रतिमाह कोचिंग सेंटरों को देनी पड़ती है। और शहर में कई ऐसे सिक्रेट फीचर काम कर रही है जो कि कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले ऐसी लड़कियों की बायोडाटा रखती है जो कि संपन्न परिवार से नहीं आते और उन्हीं लड़कियों को मोहरा बनाकर उनसे गलत काम करवाया जाता है। बिलासपुर शहर का एक चर्चित कोचिंग सेंटर है जिसमें बाहर से आकर पढ़ने वाले 6 लड़कियों का गलत संबंध कुछ सरकारी अधिकारियों एवं एक बड़े रेडीमेड कपड़ा व्यवसाई से है। यह लड़कियां अब अपने घरों से पैसे भेजने की जिद नहीं करती। प्रियंका सिंह हत्याकांड के आरोपी आशीष साहू के पास रेलवे रिजर्वेशन करने की अनुमति नहीं थी। परंतु वह प्रतिमाह लाखों रुपए रेलवे के अवैध रिजर्वेशन से कमाते थे। इस काम के लिए वह एक रेलवे आरपीएफ के अधिकारी को सेट कर रखा था। और एक लड़की जो बाहर से आकर यहां की एक कोचिंग सेंटर में स्टडी कर रही है उसे अधिकारी के पास भेजा करता था। अब समय आ गया है कि पुलिस एवं प्रशासन शहर में संचालित हो रहे कोचिंग सेंटरों के विषय में छानबीन प्रारंभ करें । (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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