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शहर के भूमाफिया अब सामान्य नहीं बल्कि बन रहे हैं खतरनाक अपराधी। कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की ओर बढ़ रहा है शहर। पुलिस स्पेशल क्राइम इन्वेस्टीगेशन के लिए एक्सपर्ट इन्वेस्टिगेटरो की टीम बनाएं : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]

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बिलासपुर (24 दिसंबर 2022 ) [तपन गोस्वामी एवं शकील खान द्वारा ] शहर की शांत फिजा अब अशांत होने लगी है। और उस पर हत्याओं का सिलसिला और उससे खतरनाक कॉन्ट्रैक्ट शूटरों का शहर में प्रवेश। पहले शहर के कुछ टूट पूंजिया गुंडे शहर में उत्पात मचाते हुए गुंडागर्दी करते थे। इन गुंडों को पुलिस पकड़ कर जेल में ठूंस देती थी। और कुछ दिन जेल में रहने के बाद छूट कर आते थे और छुटपुट अपराध करते थे। परंतु मर्डर वगैरह की बात यह सामान्य गुंडे सोच भी नहीं सकते थे। परंतु पहले का शांत बिलासपुर शहर पूरी तरह भू माफियाओं के गिरफ्त में है। शहर के अंदर हो या बाहर यह भू माफिया बेहिचक पुलिस से डरे बिना गुंडागर्दी के बल पर शहर की बेशकीमती जमीन, सरकारी जमीन प्राइवेट दुकान मकान कब्जा करने में लगे हुए हैं। इनमें से कुछ खतरनाक भू माफियाओं को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। और इन्हीं राजनीतिक संरक्षण के बल पर ही भू माफियाओं और उनके लिए काम कर रहे हैं गुंडों के खिलाफ थानों में सामान्य जमानती धाराओं के तहत कार्रवाई कर उन्हें छोड़ दिया जाता है। इससे इनके हौसले और बुलंद हो जाते हैं। स्थानीय कुदुदंड में रहने वाले जय नारायण त्रिपाठी एवं उनके दोनों पुत्र संजू त्रिपाठी एवं कपिल त्रिपाठी जो कुछ समय पहले किसी न किसी से कर्ज लेकर अपनी जिंदगी चला रहे थे। बाद में ये भूमाफिया बन गए। उसके बाद एक खतरनाक गुंडों को अपने व्यापार का हिस्सा बनाकर उनके बल पर शहर एवं आसपास की जमीनों पर कब्जा करने लगे। और आज त्रिपाठी परिवार करोड़ों अवैध संपत्तियों के मालिक है। पुराना कुख्यात बदमाश जय नारायण त्रिपाठी ही अपने दोनों पुत्रों को क्राइम की दुनिया में धकेले। कुदुदंड निवासी पत्रकार सुरेश खरे के दोनों भाइयों की हत्या भी संजू त्रिपाठी एवं कपिल त्रिपाठी ने मिलकर किया था और इसकी जानकारी जय नारायण त्रिपाठी को भी थी परंतु उन्होंने अपने पुत्र को हत्या करने से नहीं रोका बल्कि उकसाया। जय नारायण त्रिपाठी, संजू त्रिपाठी एवं कपिल त्रिपाठी पैसों के काफी लालची है। इनका लालच एवं गुस्सा इतना बढ़ गया कि इसका अंत संजू त्रिपाठी की हत्या यूपी से शूटर बुलाकर गोलियों छलनी करने के साथ अस्थाई रूप से हुआ। शहर में जगह जगह भू माफियाओं द्वारा अवैध रूप से कार्यालय का संचालन किया जा रहा है। जिसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। गुमास्ता लाइसेंस में भी अपना व्यवसाय किराना दुकान बताया हुआ है। भू माफियाओं के इन फर्जी कार्यालयों में तहसील के अति गोपनीय दस्तावेज मिलेंगे। जिस की कूट रचना भू माफियाओं द्वारा अपने कार्यालय में लाकर किया जाता है। शहर में अब कॉन्ट्रैक्ट फीलिंग का ट्रेंड डेवलप हो रहा है। संजू त्रिपाठी की हत्या उनके पिता और भाई ने पैसो के लालच एवं भयानक गुस्से के परिणाम स्वरूप किया। इसी तरह शहर के और कई भू माफिया है जो जबरन किसी की जमीन, दुकान एवं मकान पर अपना कब्जा बनाए हुए हैं। और विरोधी पार्टी का गुस्सा कभी भी फूट सकता है और ऐसी स्थिति में फिर वह बाहर से शूटर बुलाकर किसी की हत्या करवा सकता है। इस तरह की हत्या की घटनाओं से शहर की आम जनता परेशान एवं भयभीत है। और परेशानी का एक महत्वपूर्ण कारण यह है संजू त्रिपाठी हत्याकांड सभी लोकल संबंधित व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। परंतु वास्तविक हत्यारा शूटर अभी तक पुलिस पकड़ से बाहर है। इन सब बातों को देखते हुए बिलासपुर पुलिस भी हाई टेक्निक क्राइम इन्वेस्टीगेशन की ओर बढ़े स्पेशल क्राइम इन्वेस्टीगेशन के लिए एक यूनिट का गठन करें। जिसमें अति आधुनिक फॉरेंसिक मोबाइल यूनिट के साथ ही क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन के लिए दक्ष स्टाफ, बैलेस्टिक एक्सपर्ट की टीम हो जिसकी मॉनिटरिंग मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक विभाग द्वारा किया जाए। बिलासपुर पुलिस का फोरेंसिक यूनिट स्पेशल क्राइम इन्वेस्टीगेशन के लिए सक्षम नहीं है। इसके साथ ही स्पेशल टीम में कुछ ऐसे कुशल एवं अनुभवी इन्वेस्टिगेटर हो जिन्हें पूरे हिंदुस्तान में फैले हुए अपराधिक गिरोह के सदस्यों का क्रिमिनल एक्टिविटीज के विषय में भली-भांति पता हो। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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