बनारस गैंगस्टर विशेष न्यायालय के क्रिमिनल वकील सौरभ अवस्थी ने हमें बताया कि मुख्तार अंसारी गैंग का किलिंग कॉन्ट्रैक्ट 10 लाख से शुरू होता है। संजू त्रिपाठी हत्याकांड में मात्र 1लाख की सुपारी यह मुख्तार अंसारी गैंग के नहीं है : तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर (27 दिसंबर 2022 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] शहर का बहुचर्चित संजू त्रिपाठी हत्या के प्रकरण में मर्डर मोटिव स्पष्ट हो चुका है। वारदात का ब्लू प्रिंट तैयार करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। परंतु वारदात को अंजाम देने वाले शूटर अभी पकड़े नहीं जा सके हैं। हत्या में प्रयुक्त पिस्टल के विषय में जब तक की बैलेस्टिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट नहीं आ जाती है तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है। पोस्टमार्टम के समय डॉक्टरों ने संजू त्रिपाठी के बॉडी से बुलेट एवं प्रोजेक्ट टाइल्स रिकवर किए थे उसे फॉरेंसिक एविडेंस के लिए बैलेस्टिक एक्सपर्ट के पास भेजी गई है। और जब तक वह रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक रिकवर्ड बुलेट एवं प्रोजेक्ट टाइल्स और जप्त की गई पिस्टल एवं कट्टे के विषय में कुछ कहना सही नहीं होगा। एक ऐसी संभावना भी है कि मर्डर पिस्टल गायब कर सपोर्टिंग पिस्टल एवं कट्टे की जब्ती कराने का प्रयास किया जा रहा है। परंतु अब तक की पुलिस के इन्वेस्टिगेशन में यह स्पष्ट हो चुका है कि पुलिस की इन्वेस्टिगेशन टीम संजू त्रिपाठी मर्डर केस में काफी गंभीर है। क्राइम सीन के एक्शन पिस्टल एवं सपोर्टिंग पिस्टल की पहचान बैलेस्टिक एक्सपर्ट के सहयोग से अवश्य ही कर लेगी। यूपी से पकड़े गए ताबीज अंसारी एवं अभिषेक मिश्रा ने अपने आप को यूपी के खतरनाक गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के गैंग का होना बताया। आज हमने इस संबंध में बनारस के गैंगस्टर विशेष न्यायालय के क्रिमिनल वकील सौरभ अवस्थी से बात की तो उन्होंने बताया कि मुख्तार अंसारी गैंग का किलिंग कॉन्ट्रैक्ट 10 लाख से शुरू होती है। उसमें थे कि वारदात में हत्या के वारदात में उपयोग उपयोग होने वाले पिस्टल एवं कट्टा भी शामिल है। मुख्तार अंसारी गैंग का शूटर सिर्फ अपने पिस्टल एवं कट्टे पर ही भरोसा करता है। क्योंकि कई बार हैंड ब्लास्ट की घटना भी हो चुकी है। अधिवक्ता सौरभ अवस्थी से हमने बिलासपुर पुलिस द्वारा पकड़े गए ताबीज अंसारी एवं अभिषेक मिश्रा का मुख्तार अंसारी गैंग से कनेक्शन के विषय में पूछा तो उन्होंने बताया कि मुख्तार अंसारी गैंग का यूपी में अभी भी काफी दबदबा है। और वह मात्र एक लाख रुपए के लिए छत्तीसगढ़ में आकर किसी का मर्डर नहीं करेगी। अपराध की दुनिया में अपना दबदबा कायम करने के लिए एवं जेल जाने के बाद अपना वर्चस्व कायम करने के लिए यह फ्रीलांस शूटर किसी ना किसी बड़े गिरोह का गैंग मेंबर होना बताता है। बिलासपुर पुलिस का इन्वेस्टिगेशन परफेक्ट एंगल पर है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )