मंगला की जमीन खसरा न. 480/2,485,552/1,523,524 कुल तीन एकड़ भूमी का बहुत बड़ा फर्जी वाड़ा। दीप माला, कुशवाहा, दीपाली कुशवाहा, आशा देवी कुशवाहा, बनकर कौन भूमाफिया दबाए करोड़ों रुपए। यहां भी तत्कालीन चर्चित तहसीलदार अपना कारनामा किया : तपन गोस्वामी [ editor-in-chief ]
बिलासपुर (28अप्रैल 2023) [तपन गोस्वामी द्वारा ] शहर के कई चर्चित भू माफियाओं की गिद्ध नजर अब शहर से लगे मंगला पर पड़ गई है। रातों-रात शासकीय भूमियों पर कब्जा कर उनकी फर्जी दस्तावेज बनाकर खरीदी बिक्री का काम चरम सीमा पर पहुंच गई है। मंगला के संबंध में यह बातें सामने आ रही है कि लंबी चौड़ी बेशकीमती शासकीय भूमि पर कब्जा कर रसूखदारो ने कॉलोनी, भव्य मकाने एवम दुकानें बना ली है। और यह सब फर्जीवाड़े के जनक बिलासपुर तहसील के पूर्व चर्चित तहसील दार ही है। मोपका की तरह मंगला की जमीनें भी अब अभिशप्त बनती जा रही है। एसईसीएल के हसदो एरिया के रामनगर ओ सी माइंस से रिटायर हुए वीरेंद्र कश्यप भू माफिया के चक्कर में फंस कर मंगला की एक जमीन पर काफी रकम लगाकर थाना पुलिस के चक्कर लगा रहे हैं। एसईसीएल के पूर्व कर्मी वीरेंद्र कश्यप बिलासपुर में जमीन खरीद कर मकान बनाने की योजना बनाई। तो उन्हें शहर का एक चर्चित भूमाफिया रजिस्ट्री कार्यालय में मिल गया। और उन्हें सस्ते एवं जायज भूमि दिलाने का वादा करते हुए अपना प्रभाव बताने के लिए रजिस्ट्री कार्यालय के रजिस्ट्रार उषा साहू से मिलवाया। उन्होंने भी बताया कि मंगला की जमीन एकदम सही है और उसे खरीद ले। पुनः वही भू माफिया एसईसीएल कर्मी वीरेंद्र कश्यप को बिलासपुर तहसील ले जाकर किसी अधिकारी से मिलाया। तो उक्त अधिकारी ने भी कहा की मंगला की जमीन एक नंबर की है उसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। एसईसीएल कर्मी उस भू माफिया के प्रभाव पर विश्वास कर मंगला की एक लंबी चौड़ी जमीन का डील फाइनल कर दिया। सौदा 37 लाख 10 हजार में तय हुआ। एसईसीएल कर्मी वीरेंद्र कश्यप को भू माफियाओं ने कागजात भी दिए। जिसके एवज में श्री कश्यप ने भू माफिया को 32 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। परंतु एक साल बीत जाने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं किया गया। वीरेंद्र कश्यप एसएसएलसी रिटायर होकर बिलासपुर पहुंचे और उस भू माफिया और जमीन का पता लगाया तो उनके होश उड़ गए। जब श्री कश्यप ने रजिस्ट्री ऑफिस में पता लगाया तो जमीन सरकारी निकली। जो भू-माफिया एसईसीएल कर्मी से जमीन का सौदा किया था वह सेंट्रल जेल बिलासपुर में बंद है। अब एसईसीएल के रिटायर्ड कर्मी पुलिस कोर्ट कचहरी में आवेदन लिखते फिर रहे हैं। ऐसे ही एक घटना मंगला की एक जमीन खसरा न.480/2,485,522/1,523,524 कुल तीन एकड़ जमीन है। जिसकी कीमत करोड़ों रुपए हैं। कहा जा रहा है कि इस जमीन की वास्तविक मालिक दीपमाला कुशवाहा, दीपाली कुशवाहा, आशा देवी कुशवाहा है। यह उस 3 एकड़ जमीन को बेचने की बात कही। जिसे राजेंद्र श्रीवास, दिवाकर राव, मनीष एवं शिव नामक व्यक्तियों ने खरीदने की बात कहकर एक बड़ी रकम का भुगतान एडवांस के रूप में करने की बात कर रहे हैं। परंतु दीपमाला कुशवाहा, दीपाली कुशवाह एवं एक अन्य महिला का कहना है कि उन्हें रकम मिली ही नहीं है। तो वास्तव में वह रकम कहां गया? विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि उक्त जमीन एक फर्जी कागजातों की जमीन है। और इस प्रकरण में भी बिलासपुर के एक तत्कालीन चर्चित तहसीलदार की महत्वपूर्ण भूमिका है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )