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बिलासपुर (02 जून 2023 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] शहर में भू माफियाओं की बाढ़ सी आ गई है। प्रतिदिन कोई न कोई नया मामला, एफ आई आर में गैर जमानती धाराएं और फिर गिरफ्तारी, और लंबे समय के लिए जेल। परंतु भू माफियाओं द्वारा जमीन घोटाला करना और फिर शहर के प्रतिष्ठित नामों को घसीटने का भी सिलसिला चल पड़ा है। एक ऐसे ही शिकायत शहर के प्रतिष्ठित एवं सेवाभावी चिकित्सक एवं न्यू वंदना हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ चंद्रशेखर उईके एवं श्रीमती बंदना ऊइके के खिलाफ आया है। मामला मौजा मंगला पटवारी हल्का नंबर 35 रा.नि. म . सरकंडा बिलासपुर भूमि खसरा नंबर 1635/12 रकवा 5846 वर्ग फुट का है। यह पूरी भूमि आदिवासी भूमि है। और इसका वर्तमान मालिकाना हक डॉ चंद्रशेखर ऊइके एवं उनकी पत्नी के पास है। अब इस आदिवासी जमीन के तीन खरीददार क्रमशः शैल कुमार मिश्रा, मनीष कुमार मोटवानी एवं जीवनलाल मिश्रा ने डॉ ऊइके पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने नाम की इस आदिवासी भूमि को बेचने हेतु 14 सितंबर 2022 को एक इकरारनामा संपादित किया है। इस जमीन का कुल सौदा 1 करोड़ 81 लाख रूपय में तय हुआ। बयाने के एवज में यह तीनों खरीदार बैंक ऑफ महाराष्ट्र एवं कोटक महिंद्रा बैंक के चेक के माध्यम से डॉ चंद्रशेखर ऊइके को कुल 1 करोड़ 14 लाख का भुगतान कर चुके हैं। अभी मात्र 67 लाख रूपए डॉ ऊईके को देने हैं। परंतु यहां पर प्रकरण यू टर्न ले लिया। इस आदिवासी भूमि को खरीदने वाले जीवन लाल मिश्रा का कहना है कि हमें मालूम था कि यह भूमि आदिवासी भूमि है। परंतु डॉक्टर साहब ने हमें आश्वासन दिया था कि हम इसका अनापत्ति प्रमाण पत्र कलेक्टर से लाकर देंगे। परंतु 7 माह बीत जाने के बाद भी एनओसी प्राप्त नहीं हुआ। परंतु हमारे पास जानकारी आई है उसके अनुसार डॉ चंद्रशेखर ऊइके ने कलेक्टर के यहां एनओसी हेतु आवेदन लगाया है। और उसे प्राप्त करने में विलंब हो रही है। ऐसी स्थिति में उन पर ठगी का आरोप लगाना किसी साजिश का हिस्सा लग रहा है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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बिलासपुर (02 जून 2023 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] शहर में भू माफियाओं की बाढ़ सी आ गई है। प्रतिदिन कोई न कोई नया मामला, एफ आई आर में गैर जमानती धाराएं और फिर गिरफ्तारी, और लंबे समय के लिए जेल। परंतु भू माफियाओं द्वारा जमीन घोटाला करना और फिर शहर के प्रतिष्ठित नामों को घसीटने का भी सिलसिला चल पड़ा है। एक ऐसे ही शिकायत शहर के प्रतिष्ठित एवं सेवाभावी चिकित्सक एवं न्यू वंदना हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ चंद्रशेखर उईके एवं श्रीमती बंदना ऊइके के खिलाफ आया है। मामला मौजा मंगला पटवारी हल्का नंबर 35 रा.नि. म . सरकंडा बिलासपुर भूमि खसरा नंबर 1635/12 रकवा 5846 वर्ग फुट का है। यह पूरी भूमि आदिवासी भूमि है। और इसका वर्तमान मालिकाना हक डॉ चंद्रशेखर ऊइके एवं उनकी पत्नी के पास है। अब इस आदिवासी जमीन के तीन खरीददार क्रमशः शैल कुमार मिश्रा, मनीष कुमार मोटवानी एवं जीवनलाल मिश्रा ने डॉ ऊइके पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने नाम की इस आदिवासी भूमि को बेचने हेतु 14 सितंबर 2022 को एक इकरारनामा संपादित किया है। इस जमीन का कुल सौदा 1 करोड़ 81 लाख रूपय में तय हुआ। बयाने के एवज में यह तीनों खरीदार बैंक ऑफ महाराष्ट्र एवं कोटक महिंद्रा बैंक के चेक के माध्यम से डॉ चंद्रशेखर ऊइके को कुल 1 करोड़ 14 लाख का भुगतान कर चुके हैं। अभी मात्र 67 लाख रूपए डॉ ऊईके को देने हैं। परंतु यहां पर प्रकरण यू टर्न ले लिया। इस आदिवासी भूमि को खरीदने वाले जीवन लाल मिश्रा का कहना है कि हमें मालूम था कि यह भूमि आदिवासी भूमि है। परंतु डॉक्टर साहब ने हमें आश्वासन दिया था कि हम इसका अनापत्ति प्रमाण पत्र कलेक्टर से लाकर देंगे। परंतु 7 माह बीत जाने के बाद भी एनओसी प्राप्त नहीं हुआ। परंतु हमारे पास जानकारी आई है उसके अनुसार डॉ चंद्रशेखर ऊइके ने कलेक्टर के यहां एनओसी हेतु आवेदन लगाया है। और उसे प्राप्त करने में विलंब हो रही है। ऐसी स्थिति में उन पर ठगी का आरोप लगाना किसी साजिश का हिस्सा लग रहा है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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