बिलासपुर अस्पताल में प्रवेश कौशिक की मौत स्पाइनल एनेस्थीसिया के बाद हुई। एनेस्थीसिया डॉ नहीं बल्कि एक नर्स ने दी थी।ओटी रिपोर्ट में हेरा फेरी : तपन गोस्वामी [ editor-in-chief ]
1 min read- बिलासपुर ( 08 जुलाई 2023) [तपन गोस्वामी द्वारा ] दो वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में घायल खम्हरीया निवासी 27 वर्षीय युवक प्रवेश कुमार कौशिकी मृत्यु बिलासपुर के मंगला चौक स्थित बिलासपुर अस्पताल में हो गई। इस अस्पताल के प्रो. डॉ गोपेंद्र सिंह दीक्षित है जोकि आर्थोपेडिक सर्जन भी है। 1 दिन पहले प्रवेश कुमार कौशिक के परिजन उसे हाथ में लगे रॉड को निकालने आए थे। 1 दिन पहले ही उसे भर्ती किया गया था। और कल ऑपरेशन के लिए ओटी लाया गया। बिलासपुर हॉस्पिटल में कोई स्थाई एनेस्थेटिक चिकित्सक नहीं है। इस कारण एक अस्पताल के एनेस्थेटिक को बुलाया जाता है। जो काफी एक्सपर्ट भी है। परंतु कल वे नहीं थे। पेशेंट प्रवेश कुमार कौशिक को भर्ती कर लिया गया था और ऑपरेशन भी जरूरी था क्योंकि उससे फीस ले लिया गया था। हाथ से रॉड निकालने में साधारणतः ऑर्थोपेडिक सर्जन जनरल एनेस्थीसिया देते हैं। परंतु उसके लिए एनेस्थेटिक चिकित्सक का होना जरूरी होता है। ऐसी स्थिति में बिलासपुर अस्पताल के डॉ गोपेंद्र सिंह दीक्षित अपने यहां कार्यरत एक नर्स स्टाफ को प्रवेश कुमार कौशिक को स्पाइनल एनेस्थीसिया लगाने की तैयारी करने के लिए कहा। स्टाफ नर्स ने स्पाइनल एनेस्थीसिया लगाने के लिए L 20 _L 1.5 का 3% लिडोकेन के 4 एम एम का डोज प्रवेश कुमार कौशिक के स्पाइनल में पुश किया। और उस समय ओ टी में सिर्फ नर्स ही थे। डॉ दीक्षित वहां नहीं थे। स्पाइनल में डोज पुश होते ही प्रवेश की तबीयत बिगड़ने लगी। उल्टी शुरू हो चुकी थी। और उसके बाद कार्डियक अरेस्ट हो गया। जिससे बहुत ही कम समय में प्रवेश की मृत्यु हो गई। जानकारी पर डॉ दीक्षित ओटी में आए और मरीज का इलाज करने लगे उससे कुछ फायदा नहीं हुआ। बिलासपुर अस्पताल में काम करने वाले एक अनुभवी स्टाफ ने अपना नाम न आने की शर्त पर कहां की जो स्टाफ नर्स प्रवेश कुमार कौशिक को स्पाइनल एनेस्थीसिया दी थी वे जब यहां एनेस्थेटिक के डॉक्टर आते हैं और मरीज को एनेस्थीसिया देते हैं तो वह स्टार प्लस एनेस्थेटिक डॉक्टर को एसिस्ट करती है। तो उसे थोड़ी बहुत जानकारी है। परंतु गड़बड़ी सिंड्रोम में हुई। घटना के तुरंत बाद डॉ दीक्षित एनेस्थीसिया का रिकॉर्ड भरा एवं एनेस्थीसिया का प्री टेस्ट का कॉलम में एक डॉक्टर का नाम भरा। मृतक युवक प्रवेश की बॉडी का पीएम हुआ परंतु उसमें कुछ खास फाइंडिंग नहीं आएगी। पुलिस में मामला दर्ज हुआ है और ऐसी स्थिति में मेडिकल स्पेशलिस्ट की रिपोर्ट महत्वपूर्ण होगी। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )