सिर्फ होली या चुनाव के मौके पर ही नहीं बल्कि शहर में हमेशा से शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गुंडों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी। जमानत पर छूटे हिस्ट्रीशीटरो एवं गुंडों पर क्या पुलिस की नजर है? दयालबंद के एक हिस्ट्रीशीटर एक भू माफिया के गुर्गे बनकर सबको डरा रहा है। तपन गोस्वामी [Editor in chief]
1 min readबिलासपुर (26 मार्च 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] सरकार बदलते ही एवं भाजपा सरकार आते ही शहर के हिस्ट्रीशीटरो एवं गुंडे बदमाशों के हौसले पस्त होने लगे हैं। कई हिस्ट्रीशीटर तो शहर छोड़ कर भाग खड़े हुए हैं। और कई तो शहर में रहकर भी अंडरग्राउंड हो गए है। परंतु अभी भी शहर के चौक चौराहों पर अपना दबदबा कायम करने के लिए पुलिस से छुपते छुपाते कुछ गुंडे एवं हिस्ट्रीशीटर एक-दो घंटे के लिए खड़े रहते हैं परंतु फिर पुलिस का सायरन सुनते ही अंडर ग्राउंड हो जाते हैं। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम को यह जानकारी प्राप्त हुई है की शहर का एक कुख्यात हिस्ट्री शीटर बिल्हा के एक बेशकीमती जमीन के सौदे के लिए शहर के एक व्यापारी से काफी मोटी रकम ले ली है। परंतु एक गैंग वार में वह जेल चला गया उस हिस्ट्रीशीटर का बिलासपुर जेल से अन्य जेल ट्रांसफर भी हुआ। इसके बाद सरकार बदल गई परंतु शहर का यह व्यापारी वर्तमान में परेशान है क्योंकि वह हिस्ट्री शीटर अब शहर में गुंडागर्दी नहीं कर सकता और उसे जमीन नहीं दिला सकता। यदि अब वह गुंडा गर्दी करेगा तो उसका एनकाउंटर जरूर हो जाएगा। शहर के उस व्यापारी का कहना है कि जेल में रहने के दौरान उस हिस्ट्री शीटर ने वकील एवं मुकदमे में कई लाख रुपए खर्च कर दिए है। शहर के व्यापारी को उस हिस्ट्री शीटर का अता पता नहीं है। अब यह व्यापारी उस हिस्ट्रीशीटर के पीछे अपने गुंडे लगाए हैं। अब देखते हैं शहर का व्यापारी की मोटी रकम वापस होती है या पुलिस में रिपोर्ट? इधर दयालबंद का एक हिस्ट्रीशीटर पुलिस से आंख मिचौली करते हुए एक भू माफिया का गुंडा बन कर रजिस्ट्री ऑफिस में खड़े होकर ओपन धमकी दे रहा है। ऐसे खतरनाक गुंडो की निगरानी के लिए पुलिस को अपनी मुखबिरी तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। पुलिस के सख्ती के कारण हिस्ट्रीशीटरो द्वारा महंगे गाड़ियों में घूमना अवश्य बंद हो गया है और इन गुंडो के मनी ट्रांजैक्शन पर पुलिस की नजर है परंतु यहअब अवैध उगाही की एक समानांतर प्रणाली शुरू करने की फिराक में है और इसके लिए शहरके कई कुख्यात भू माफिया इन्हे संरक्षण दे रहे हैं। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)