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*पूर्व धर्म हॉस्पिटल के स्टाफ नर्स श्रीमती सुखनंदन की बेटी जया सुखनंदन के मौत के रहस्य को भेदने में लगी है पुलिस। अंतिम बार भोजन लेकर कौन आया था? संपत्ति विवाद गहराया : तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ ]*

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बिलासपुर (07 दिसंबर 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] चांटा पारा के स्व डॉ ओत्तलवॉर के घर के पीछे वाले मोहल्ले में रहने वाली पूर्व धर्म हॉस्पिटल के स्टाफ नर्स स्व सुखनंदन की 44 वर्षीया बेटी जया सुखनंदन की लाश अत्यंत संदेहास्पद परिस्थितियों में उनके ही मकान में पाई गई। लाश चार से पांच दिन पुरानी है। और बॉडी डीकंपोज्ड होने के साथ ही उसमें मग्गोट्स भी लग गए थे। मृतका विवाहिता थी उनके पति की मृत्यु एक दुर्घटना में होने के कारण वह अकेले ही चांटापारा में रह रहीथी। मृतिका जया के दो भाई हैं। बड़ा भाई जय सुखनंदन कोऑपरेटिव बैंक में और छोटा भाई जॉनी विद्युत मंडल में ड्राइवर है। और अपने पिता विनय सुखनंदन की मृत्यु के पश्चात उसे अनुकंपा नियुक्ति मिली। मृतिका जया एवं उनके दो भाई जय एवं जॉनी का ट्रायंगल फाइट हमेशा संपत्ति को लेकर होता था। चांटा पारा के जिस मकान में मृतका जया रहती थी ठीक उसी से लगा करोड़ों की पैतृक संपत्ति जया के दोनों भाई जय एवं जानी ने धोखे से जया के हस्ताक्षर लेकर बेच दी थी। विवाद बढ़ने पर दोनों भाइयों ने जया को 4या 5 लख रुपए देकर उसका मुंह बंद कर दिया। परंतु जया के दिल में अपने माता-पिता की संपत्ति बिकने का गम था।और हमेशा विवाद होता था जया अकेले रहती थी कभी कभार घूमने निकलते थी। खाना वगैरा खुद बनाती थी। करोड़ों की संपत्ति बिकने के बाद भी जया को आर्थिक संकट थी। कभी-कभार भाई लोग जया को खाना देकर जाते थे। परंतु अंतिम बार जया को खाना देकर कौन गया यह पुलिस के लिए जांच का विषय है? सिविल लाइन पुलिस जया के मौत का वास्तविक कारण पता लगा रही है। प्रतिदिन समाचार पत्र डालने वाला न्यूज़ मैन युवक ने ही सबसे पहले घर से आ रही बदबू के विषय में आसपास वालों को बताया था। न्यूज़ मैन ने देखा कि तीन या चार दिन से सामने का दरवाजा खुला है पेपर सामने ही पड़ा रहता है। पीएम के पश्चात पता चलेगा की मौत नॉर्मल है या होमीसाइडल।(ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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