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*मुंगेली जिले के सरगांव स्थित कुसुम स्मेल्टर स्पंज आयरन प्लांट में हुआ बड़ा औद्योगिक हादसा। नॉन टेक्निकल एवं बिना आयरन गार्डर खड़ा किया जा रहा था हैवी ऑयल फर्नेस की चिमनी। यहां प्लांट, मशीनरी एवं रॉ मैटेरियल का बीमा तो है परंतु स्टाफ एवं कर्मचारियों का बीमा नहीं है : तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ ]*

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बिलासपुर (10 जनवरी 2025) [तपन गोस्वामी द्वारा] मुंगेली जिले के सरगांव स्थित 116.10 करोड़ के लागत से बन रहे कुसुम स्मेल्टर स्पंज आयरन प्लांट में घटित एक बड़ी औद्योगिक दुर्घटना में अभी तक पांच मजदूरों के मौत की खबर आ रही है। जानकारी के अनुसार बिलासपुर रायपुर हाईवे से कुछ ही दूरी पर स्थित ग्राम राम बोड़ इलाके में स्थित कुसुम स्मैल्टर स्पंज आयरन के निर्माणाधीन प्लांट में शुक्रवार की सुबह उस समय कोहराम मच गया जब इस स्पंज आयरन प्लांट में खड़े किए जा रहे भारी भरकम ऑयल फर्नेस की चिमनी भर भराकर गिर गई। जिसमें वहां काम करने वाले 30 लोग इस भारी भरकम चिमनी के मलवे में दब गए। समाचार लिखे जाने तक पांच मजदूरों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। धरासाई चिमनी में दबे और मजदूरों की मौत की खबर आ रही है। कुसुम स्मेल्टर स्पंज आयरन प्लांट का निर्माण 116.10 करोड रुपए की लागत से की जा रही है। इस कंपनी का एक कार्यालय बिलासपुर के विद्यानगर में है। इस प्लांट के बोर्ड आफ डायरेक्टर में संदीप अग्रवाल, आदित्य अग्रवाल, विशाल अग्रवाल एवं यश पोद्दार शामिल है। इस प्लांट का उत्पादन ऑयल बेस्ड फर्नेस से करने की प्लानिंग है। और उसी के तहत चिमनी खड़ा किया जा रहा था। परंतु इंडस्ट्रियल चिमनी के खड़े करने के लिए जो टेक्निकल गाइडेंस एवं इक्विपमेंट्स की आवश्यकता होती है वह इस प्लांट में नही है। चिमनी का काम करने वाले ठेकेदार इन उपकरणों का उपयोग न कर मजदूरों से मैन्युअली काम करना चाह रहे थे। जबकि फर्नेस की भारी भरकम चिमनी को खड़े करने के लिए सपोर्टिंग आयरन गार्डर लगाने की जरूरत होती है। और उसके सहारे ही चिमनी खड़ा किया जाता है। परंतु इस प्लांट में बिना बेस्ड चिमनी खड़ा करने का प्रयास किया गया जिससे भर भराकर चिमनी गिर गई और उसमे मजदूर दब गए। अभी भी मौत का सिलसिला जारी है। हमारे न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम को यह पता चला कि कुसुम स्मेल्टर प्लांट में मशीनरी, प्लांट, रॉ मैटेरियल का बीमा तो है परंतु वहां कार्यरत ठेकेदार ने अपने मजदूरों का बीमा नहीं करवाया है। और सभी मजदूर अनस्किल्ड है। आने वाले समय में मृत एवं घायल मजदूरों के क्षतिपूर्ति में काफी परेशानी आने वाली है। इस दुर्घटना के संबंध में प्रबंध तंत्र द्वारा यह भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है कि दुर्घटना हैवी फर्नेस की चिमनी गिरने से नहीं बल्कि प्लांट में रखें भारी सेलो की टंकी के गिरने से हुई। प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी रेस्क्यू टीम के साथ चिमनी के मलबे में दबे मजदूरों को सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रही है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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