रेडी टू ईट के मामले में सीएम भूपेश बघेल एक्शन में। इसका निर्माण तंत्र ही फर्जी: एमपी, गुजरात एवं यूपी सरकार ने रोकी यह योजना: अधिकारियों की शह पर ही घटिया भोजन का निर्माण: तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ]
1 min readबिलासपुर (16 दिसंबर2021)[ तपन गोस्वामी द्वारा] एम पी, गुजरात एवम् उत्तरप्रदेश सरकार की तरह छत्तीसगढ़ सरकार भी स्कूलों में दिए जाने वाले रेडी टू ईट के घटिया स्तर को देखते हुए यह काम महिला स्व सहायता समूह से लेकर शासकीय एजेंसी को देने का निर्णय लिया है। विधानसभा में दिए गए बयान में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति खिलवाड़ करने वाले किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। रेडी टू ईट के गुणवत्ता की शिकायत आने पर सीएम बघेल ने इसका सैंपल लेकर खाद्य एवं औषधि विभाग के लैब से इसकी जांच करवाई तो 1900 सैंपल से 1499 सैंपल बेहद घटिया निकले। बच्चों को दिए जाने वाले रेडी टू ईट निर्माण स्थलों का निरीक्षण करने हेतु श्री बघेल ने अधिकारियों को आदेश दिए थे उसमें 90% निर्माण स्थल गंदगी भरा निकला। गंदगी भरे निर्माण स्थल एवं अखाद्य भोजन की स्थिति न सुधरते देख मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेडी टू ईट के परिष्कृत निर्माण एवं वितरण हेतु कृषि एवं बीज विकास निगम को यह जिम्मेदारी दे दी। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम ने कुदुदंड एवं चकरभाटा के रेडी टू ईट निर्माण स्थल को देखा तो पाया की गंदगी भरे माहौल एवं अ स्वच्छ प्रक्रिया के तहत बच्चों को दी जाने वाली रेडी टू ईट का निर्माण हो रहा है। कई स्कूल के बच्चे इस अस्वास्थ्य कर खाद्य सामग्री का सेवन कर बीमार पड़े हैं। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )