Recent Posts

हैलो प्रिंसिपल साहब मैं तार बहार से शेख गफ्फार बोल रहा हूं! नरेंद् जाटवार एक गरीब बच्चा है उसका एडमिशन आप अपने सेंट्रल स्कूल में करवा दें ।

1 min read

बिलासपुर (24 दिसंबर 2021) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] हैलो! प्रिंसिपल साहब मैं तार बाहर से शेख गफ्फार बोल रहा हूं।प्रिंसिपल: जी गफ्फार भाई बोले: प्रिंसिपल प्रिंसिपल साहब मैं नरेंद्र जाटवार नाम के एक गरीब बच्चे को भेज रहा हूं उसका एडमिशन आप अपने सेंट्रल स्कूल में करवा दें। प्रिंसिपल: गफ्फार भाई आप बच्चे को भेज दे उसका एडमिशन हो जाएगा। ये थे शेख गफ्फार जिनका एक फोन सेंट्रल स्कूल में एक बच्चे के एडमिशन के लिए काफी था। और वर्तमान समय में सेंट्रल स्कूल में एडमिशन के लिए सांसद एवं विधायकों के अनुशंसा को भी रद्दी की टोकरी में फेंक दी जाती है। यह वाकया काफी समय पहले की है शहर की एक गरीब जाटवार परिवार के एक होनहार बच्चे की इच्छा सेंट्रल स्कूल मैं पढ़ने की थी परंतु काफी प्रयासों के बाद उसे वहां एडमिशन नहीं मिल पा रही थी नरेंद्र के पिता बहुत परेशान थे सांसद एवं विधायकों से भी मिले परंतु सेंट्रल स्कूल में एडमिशन नहीं हो पाया। नरेंद्र के पिता की परेशानी को देखते हुए तार बहार में रहने वाले एवं रेल्वे में कार्यरत सुमंत बनर्जी ने नरेंद्र के पिता को गफ्फार भाई से मिलने की सलाह दी। 1 दिन सुबह नरेंद्र को लेकर उनके पिता शेख गफ्फार के तार बाहर स्थित मकान पहुंचे नेताओं की काफी भीड़ थी परंतु गफ्फार भाई की नजर एक बच्चे और उनके पिता पर पड़ी तो वह तुरंत अपने पास बुलाकर यहां आने का कारण पूछा तो नरेंद्र के पिता ने बताया कि उनके बच्चे का एडमिशन सेंट्रल स्कूल में काफी प्रयासों के बाद भी नहीं हो पा रहा है इतना सुनते ही गफ्फार भाई सारे काम को छोड़कर तुरंत सेंट्रल स्कूल के प्रिंसिपल को फोन लगाया और अपने ब्रांड स्टाइल में कहा कि प्रिंसिपल साहब मै तार बहार से शेख गफ्फार बोल रहा हूं एक गरीब बच्चे नरेंद्र को भेज रहा हूं उनका एडमिशन आप करवा दो। गफ्फार भाई का एक फोन सेंट्रल स्कूल के टिपिकल एडमिशन को आसान कर दिया। एडमिशन होने की खुशी में नरेंद्र और उसके पिता गफ्फार भाई के निवास पहुंच कर अपना आभार जताया तो गफ्फार भाई ने नरेंद्र के पिता से कहां कि अभी आपको बच्चे के पुस्तक खरीदने की तकलीफ है मैं बिहारी टॉकीज अपने मित्र पियूष को फोन कर दूंगा आप श्री बुक डिपो से सभी पुस्तक ले लेंगे मैं उसका पेमेंट कर दूंगा। गफ्फार भाई के एक फोन से नरेंद्र की जिंदगी बदल दी आज वह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स में डिजाइन इंजीनियर है और सबसे बड़ी बात यह है कि गफ्फार भाई के निधन के समाचार पर नरेंद्र ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में अपने डिपार्टमेंट में 2 मिनट का मौन रखा था। गफ्फार भाई बच्चों की शिक्षा, गरीबों को राशन उनके आवास को बहुत अधिक प्राथमिकता देते थे आज उनके भाई असलम रिकॉर्ड मतों से जीते हैं और गफ्फार भाई के अधूरे कार्यों को उन्हें पूरा करना है। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

About The Author

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *