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नगर निगम बिलासपुर की गंभीर बिगड़ती आर्थिक स्थिति: जिम्मेदार है टैक्स वसूली अमला: लगाए इनके पीछे डिटेक्टिव एजेंसी। जरहाभाटा मंदिर चौक के दुकानों एवं मकानों से टैक्स वसूली नहीं : तपन गोस्वामी[ एडिटर इन चीफ ]

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बिलासपुर(नगर निगम बिलासपुर की गंभीर बिगड़ती आर्थिक स्थिति: जिम्मेदार है टैक्स वसूली अमला: लगाए इनके पीछे डिटेक्टिव एजेंसी। जरहाभाटा मंदिर चौक के दुकानों एवं मकानों से टैक्स वसूली नहीं : तपन गोस्वामी[ एडिटर इन चीफ ]27 दिसंबर2021) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] नगर विधायक शैलेश पांडे एवं महापौर रामशरण यादव शहर के आम नागरिकों के मूलभूत सुविधाओं को बरकरार रखने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं और उधर नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वेतन प्राप्त होने में थोड़ी सी भी विलंब हो तो धरना आंदोलन एवं काम रोकने की धमकी देते हैं। परंतु यूपी, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, पंजाब सहित कई राज्यों में महानगर पालिका या नगर निगम की व्यवस्था चलाने की जिम्मेदारी निगम प्रशासन की ही होती है। आर्थिक संसाधन पैदा करने की जिम्मेदारी विकास कार्य सहित निगम कर्मनगर निगम बिलासपुर की गंभीर बिगड़ती आर्थिक स्थिति: जिम्मेदार है टैक्स वसूली अमला: लगाए इनके पीछे डिटेक्टिव एजेंसी। जरहाभाटा मंदिर चौक के दुकानों एवं मकानों से टैक्स वसूली नहीं : तपन गोस्वामी[ एडिटर इन चीफ ]चारियों के वेतन भुगतान की जिम्मेदारी भी निगम प्रशासन की ही होती है। इन्हें शासन से इस संबंध में कोई मद अलॉट नहीं किया जाता। परंतु आज बिलासपुर शहर स्मार्ट सिटी की परिधि में आ चुका है परंतु बिजली बिल अन्य विकास कार्य एवं अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन के लिए रायपुर का मुंह देखना पड़ता है। जैसे कि अभी निगम की बिजली बिल पानी बिल को लेकर विवाद उत्पन्न हो रहा है। नगर निगम का एक भारी-भरकम आय मकानों एवं दुकानों के टैक्स वसूली से होती है। यदि टैक्स वसूली अमला पूरी इमानदारी से शहर के मकानों एवं दुकानों से टैक्स वसूली करें तो निगम के खर्चों के लिए रायपुर का मुंह नहीं देखना पड़ेगा। उदाहरण के लिए जरहाभाटा मंदिर चौक में हजारों की संख्या में मल्टी स्टोरी फ्लैट एवं दुकानें हैं जिसका की आज तक फूटी कौड़ी भी टैक्स वसूली के रूप में निगम के खजाने में नहीं आई। इन फ्लैटों को बनाने वाले इस में रहने वाले किरायेदारों से अब तक करोड़ों रुपए वसूल चुके हैं। निगम का टैक्स वसूली आमला अभी तक निगम प्रशासन को इन टैक्स रहित मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट एवं दुकानों की जानकारी नहीं दे पाया। वास्तविक स्थिति नगर निगम प्रशासन को तब पता चलेगा जब वह किसी डिटेक्टिव एजेंसी को लगाएं। दूसरे राज्य डिटेक्टिव एजेंसी के माध्यम से ही टैक्स के नए स्रोतों का पता लगाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही है। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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