मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बातों को गंभीरता से लें सरकारी टीचर: अस्सी हजार रुपए प्रतिमाह वेतन स्कूल में टिक टॉक, फेसबुक और व्हाट्सएप: सरकारी अंग्रेजी स्कूल में सिर्फ फैशन शो: तपन गोस्वामी[ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर(29 दिसंबर2021)[ तपन गोस्वामी द्वारा] प्रदेश भर के सहायक शिक्षकों को कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जो वार्निंग दी वह शिक्षकों के समझ में आ जानी चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट रूप से सरकारी शिक्षकों को यह कह दिया कि कोविड-19 काल में जब पड़ोसी राज्य में शिक्षकों के वेतन काटे गए वही छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां शिक्षकों को एक साल तक बिना काम किए उनके खाते में वेतन की राशि डाली गई तो वह वेतन वापस भी हो सकती है। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम ने सरकारी स्कूलों के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के विषय में जो प्रूफ जानकारी प्राप्त की वह काफी चौंकाने वाली है। सबसे घटिया स्थिति स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की है। हाई-फाई स्कूल घटिया स्टैंडर्ड के टीचर और आउटपुट जीरो। अंग्रेजी माध्यम के बच्चे अभी तक ए बी सी एवं डी में ही फंसे हैं। परंतु शिक्षिकाएं स्कूलों में ऐसे बन ठन कर आती है जैसे वह स्कूल में नहीं किसी फैशन शो में जा रही हैं। और स्कूल आते ही उनके वेतन का मीटर शुरू हो जाता है और उसी स्पीड से इन टीचरों का टिक टॉक, फेसबुक एवं व्हाट्सएप इनकी खूबसूरती बिखरने लगती है। हमारे पास कई ऐसे साक्ष्य हैं जिससे यह सिद्ध हो रहा है की टिक टॉक के कई हीरोइन शिक्षिकाओं का टिक टॉक स्पॉट सरकारी अंग्रेजी स्कूल है। सरकारी स्कूल के एच एम का कंट्रोल शिक्षक शिक्षिकाओं पर नहीं है क्योंकि यह एचएम भी अपने पुरुष मित्र या महिला मित्र के साथ बैठकर गप्पे हाकते रहते हैं। कोनी सरकारी स्कूल की एक फैशनेबल अविवाहित शिक्षिका का प्रेम प्रकरण एक विवाहित बिजनेसमैन से है यह बिजनेसमैन अपना कारोबार छोड़कर प्रतिदिन कार में शिक्षिका को पहुंचाने आता है। कोनी की शिक्षिका कार से उतर कर सिर्फ अटेंडेंस रजिस्टर में दस्तखत करती है और सिर्फ कार में बैठकर अपने प्रेमी के साथ उड़न छू हो जाती है। इसी तरह लिंगियाडी शासकीय स्कूल का हाल है यहां का प्रभारी शिक्षक का एक महिला शिक्षिका से प्यार का परवान चढ़ा हुआ है और इसका आनंद विद्यार्थी भी ले रहे हैं कुछ चतुर विद्यार्थी मामले को दबाने के लिए इन दोनों शिक्षक शिक्षिकाओं से ब्लैक मेलिंग अमाउंट भी वसूल रहे हैं। सरकारी स्कूलों में क्या चल रहा है इन सब की जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी है। परंतु अब सरकारी स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाएं भी संभल जाए क्योंकि जब सरकारी बैंक, सरकारी बीमा कंपनियां एवं रेल्वे निजी हाथों में जा सकती है तो यहां की सरकारी स्कूलों पर भी कई कॉर्पोरेट सेक्टर की नजर है। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )