पुलिस इन्वेस्टिगेशन से घबरा रहा है टकेश्वर पाटले। फॉरेंसिक टीम का क्राइम सीन पर संदेहास्पद टिप्पणी। पुलिस ने तैयार किए 122 सवाल: तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर (16 जनवरी 2022)[ तपन गोस्वामी द्वारा ] दर्रीघाट में दो दिन पहले हुई दिनदहाड़े डकैती कांड की क्रिमिनल थ्योरी एसएसपी पारुल माथुर के समझ में आ गई है। इन दो दिनों में गृह मालिक टकेश्वर पाटले के संबंध में जो भी जानकारी निकल कर आई है वह काफी चौकानेवाले हैं। और इन सब जानकारियों में उनके बहुत ही कम समय में अपराधिक गतिविधियां संचालित करते हुए करोड़पति बनने की कहानी छुपी हुई है। पुलिस अब इस डकैती कांड के इन्वेस्टिगेशन को पूरी प्रोफेशनल तरीके से सुलझा रही है। इस कारण टकेश्वर पाटले से पूछताछ के लिए पुलिस करीब 122 सवाल तैयार किए हैं। और इन सवालों का जवाब पुलिस को चाहिए। और इन्हीं सवालों से बौखला कर टकेश्वर पाटले पुलिस पर ही सही तरीके से जांच ना करना, जांच के दिशा मोड़ना संबंधी आरोप लगा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है श्री पाटले पुलिस को जांच में वांछित सहयोग नहीं कर रहा है। पुलिस अपने इन्वेस्टिगेशन में मोबाइल टावर डाटा डंप का जो प्रोसेस अपना रही है वह कारगर सिद्ध इस कारण से नहीं हो पाएगा क्योंकि एक्सपर्ट की राय है कि देर रात सुनसान में जहां अपराध होते हैं और इक्के दुक्के ही मोबाइल उस क्षेत्र में ऑपरेट होते हैं वहां डाटा डंप सफल होते हैं। क्राइम सीन में जो चाबी बरामद हुए फॉरेंसिक टीम के नजर में भी वह चाबी आई है परंतु टीम ने इस चाबी को महत्व नहीं दिया फॉरेंसिक टीम का मानना है की यह चाबी अपराधी दिग्भ्रमित करने के लिए रख कर गया है अर्थात ये एक फैब्रिकेटेड आर्टिकल है। हमारे न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन में एक जगह का बार-बार नाम आ रहा है और वह जगह है कोटमीसुनार। वर्तमान में कोटमीसुनार मिनी लाल खदान का रूप लेता जा रहा है छोटे से छोटे एवं बड़े से बड़े अपराधियों का छुपने का एक बहुत अच्छा एवं सुरक्षित स्थान बन गया है। दर्रीघाट डकैती के बाद पुलिस को एक लीड कोटमीसुनार का भी मिला था। टकेश्वर पाटले के जवाब में ही छुपा है डकैती की पूरी कहानी जिससे पुलिस जल्द ही खोल देगी ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)