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दर्रीघाट लाल खदान फिर से अशांत। दरस राम साहू हत्याकांड की याद दिलाती है। एसएसपी पारुल माथुर हिस्ट्रीशीटरों की क्लास ले : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]

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बिलासपुर (19 फरवरी 2021)[ तपन गोस्वामी द्वारा ] दर्रीघाट से लाल खदान पुनः एक बार रक्त रंजित क्राइम स्टोरी की स्क्रिप्ट लिखने को तैयार है। हमने 3 माह पूर्व अपने समाचार में यह लिखा था कि दर्रीघाट से लाल खदान बेल्ट को पुनः एक बार अशांत करने की तैयारी है। इस क्षेत्र में यूपी एवं बिहार के कई रहस्यमय चेहरे अपना डेरा डाले हुए हैं। इन चेहरों का का संबंध लाल खदान के उन पुराने हिस्ट्रीशीटरों से है जो अभी जेल से छूट कर आए हैं और कुछ बिलासपुर एवं कोरबा जेल में बंद है। कुछ दिन पहले कांग्रेस के एक नेता टांकेश्वर पाटले के घर में डकैती हुई अभी मुख्य आरोपी पुलिस रेंज से दूर है परंतु खूनी राजनीति की तैयारी शुरू हो गई है। इसी राजनीति के मध्य लाल खदान का एक खतरनाक गैंगस्टर रंजन गर्ग जोकि 16 साल बाद जेल से छूट कर आया उसे अब जान का खतरा महसूस हो रहा है। उसने एसएसपी से सुरक्षा की मांग की। अब सवाल यह है कि एक ऐसा कांग्रेस नेता जो इतना पावरफुल नहीं है और उसके घर में डकैती पड़ी तो रंजन गर्ग को जान का खतरा कैसे हो गया ? कहीं ऐसा तो नहीं की कांग्रेसी नेता टकेस्वर पाटले के यहां डकैती कांड के पीछे कोई भयानक क्राइम स्टोरी लिखी जा रही है? ठीक ऐसे ही स्टोरी काफी समय पहले लाल खदान में लिखी गई थी जिसमें एक डकैती कांड और उसके बाद लाल खदान के लोकप्रिय सरपंच दरस राम साहू की हत्या। लाल खदान दर्रीघाट के संबंध में मेरा पुराना अनुभव है और यह अनुभव कहता है कि यदि इस क्षेत्र में कोई वारदात हो जाती है तो यहां नेता टाइप प्रोफेशनल क्रिमिनल पुलिस के इन्वेस्टिगेशन को भरपूर भटकाने की कोशिश करता है। ऐसी स्थिति श्री पाटले के घर हुई डकैती के बाद देखने को मिली। एक जानकारी के अनुसार एसएसपी पारुल माथुर को लाल खदान की पॉलिटिक्स समझ में आ गई है और वह जल्द ही हिस्ट्रीशीटरों कि तबीयत से क्लास लेने वाली है। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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