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प्रदेश के रियल स्वास्थ्य सैनिक झेल रहे हैं संविदा का दुःख। भाजपा शासनकाल में अपेक्षित स्वास्थ्य सैनिक क्या कांग्रेस शासन में भी रहेंगे उपेक्षित? तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]

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बिलासपुर (24 जनवरी 2022)[ तपन गोस्वामी द्वारा ] प्रदेश के कई हजार रियल स्वास्थ्य सैनिक लंबे समय से संविदा का दंश झेल रहे हैं। पिछले साल जब कई सरकारी डॉक्टर एवं स्थाई स्वास्थ्य कर्मचारी covid-19 के डर से छुट्टी लेकर बैठे थे तब यही रियल स्वास्थ्य सैनिक उस तरह से मोर्चा संभाले थे जैसे कि हमारे वीर सैनिक बॉर्डर में मोर्चा संभाले हुए हैं। कोविड-19 के भयानक प्रकोप के समय हमारे यह रियल स्वास्थ्य कर्मी छत्तीसगढ़ के किसी भी गांव के अंतिम व्यक्ति तक समुचित स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कोविड-19 के समय जब सरकारी हॉस्पिटल के मरचुरी में covid-19 से संक्रमित मृतकों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही थी डॉक्टर एवं स्थाई कर्मचारी भी मरचुरी में जाने से डरने लगे थे तब यही संविदा स्वास्थ्य सैनिक वहां बिना डरे काम किए पटवारियों से लेकर अन्य राजस्व अधिकारियों को प्रतिदिन कोविड-19 से मृत मरीजों की लिस्ट सौंपी और आज जो सही तरीके से इन मृत परिवारों को सहायता राशि का भुगतान हो रहा है इसके पीछे इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की ही महत्वपूर्ण भूमिका रही। कोविड-19 काल में कई संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी भी संक्रमित हुए परंतु उन्हें इस बात की चिंता रहती थी कि वह कब जल्द स्वस्थ होंगे और कब अपनी ड्यूटी पर लौटेंगे। परंतु भाजपा शासन काल हो या कांग्रेस शासन काल इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनदेखी हर शासनकाल में हो रही है। बीजेपी शासन में खुद मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह डॉक्टर थे और उनके पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ कृष्णमूर्ति बांधी भी डॉक्टर थे परंतु संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं मिल पाया। कांग्रेस शासन आने के बाद इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को यह विश्वास था कि उनके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल काफी संवेदनशील है और उनकी पकड़ समाज के हर वर्ग पर है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कई बार मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से मिले परंतु वे एक हाई पावर कमेटी बनाकर प्रकरण को जल्द निपटाने की बात कही परंतु आज भी संविदा स्वास्थ्य कर्मी जहां से चले थे वही खड़े पाए गए। अब इन संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के सब्र का बांध टूटता दिख रहा है और जल्द ही ये एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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