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प्रकृति ध्रुव एवं सुगंधा गुप्ता घूस प्रकरण। नायब तहसीलदार प्रकृति की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग उन्हें जेल पहुंचा सकती है। कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर की एक ही बात क्यों चुप हो गए अधिवक्ता गण ? तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]

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बिलासपुर (04 फरवरी 2022) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने अपने चेंबर में मिलने आए अधिवक्ताओं से कहा कि आप सब तो न्याय के पहरेदार हैं यदि आप ही अपने काम निकालने के लिए अधिकारियों को घूस देंगे तो आम आदमी का क्या होगा ? डॉ सारांश मित्तर ने अधिवक्ताओं से कहा कि क्यों ना हम नायब तहसीलदार प्रकृति ध्रुव एवं अधिवक्ता सुगंधा गुप्ता दोनों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा दे। क्योंकि भ्रष्टाचार में घूस देने वाला और लेने वाला दोनों आरोपी है। कलेक्टर के एक्शन देखकर अधिवक्ताओं को भी लगा कि वाकई अधिवक्ता सुगंधा गुप्ता क्या घूसखोरी को बढ़ावा नहीं दे रही है ? इस कारण अधिवक्ता कलेक्टर चेंबर से निकलकर बिना मीडिया से बात किए वहां से चले गए। नायब तहसीलदार प्रकृति ध्रुव एवं अधिवक्ता सुगंधा गुप्ता का विवाद काफी दिनों से चल रहा है। जानकारी के अनुसार सुगंधा गुप्ता अपने किसी पक्ष कार गंगाधर तिवारी के प्रॉपर्टी के नामांतरण प्रकरण को सुलझाने के लिए नायब तहसीलदार प्रकृति ध्रुव ने अपने रीडर प्रीति राजगीर के माध्यम से 15 हजार रुपए घूस ली है। परंतु घूस लेने के बावजूद प्रकृति ने प्रकरण को निरस्त कर दिया एसडीएम पुलक भट्टाचार्य से मामले का निराकरण ना देख अधिवक्ता गण कलेक्टर के पास गए परंतु कलेक्टर ने इशारों ही इशारों में समझा दिया कि अधिवक्ता गण एक प्रोफेशनल सर्विस के तहत आते हैं घूस वगैरह के मामले में पर्याप्त एविडेंस रखना आवश्यक हो जाता है। अभी मामला एसडीएम पुलक भट्टाचार्य के पास है।( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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