रायपुर के इस्लामिक कोर्ट के वैधानिकता पर प्रश्न चिन्ह? इस कोर्ट के जज काजी ए शर देते हैं तीन तलाक का आदेश। इस्लामिक कोर्ट के फैसले से भ्रमित है मुस्लिम महिलाएं : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर (15 फरवरी 2022 )[ तपन गोस्वामी द्वारा ] देश में अब तीन तलाक के खिलाफ कानून बन गया है। अब विवाहित मुस्लिम महिलाओं को सिर्फ तीन बार तलाक कह कर उन्हें जिंदगी एवं परिवार से अलग नहीं किया जा सकता है । परंतु यही तीन तलाक कानून रायपुर में काफी समय से संचालित इस्लामिक कोर्ट में मान्य नहीं है। मुस्लिम महिलाओं के पति अभी तक तीन तलाक के लिए इसी इस्लामिक कोर्ट में जाते हैं और तीन बार तलाक कहने पर इन्हें आसानी से तलाक मिल जाती है। इस्लामिक कोर्ट के फैसले की कॉपी तथाकथित जज काजी ए शर के हस्ताक्षर से जारी कर मुस्लिम महिला के घर पहुंचा दी जाती है। और पत्नी के ना चाहते हुए भी मुस्लिम पुरुष तलाक दे देता है। आपको यह सुनने में जरूर अटपटा लगेगा परंतु रायपुर की एक मुस्लिम महिला को भी इस इस्लामिक कोर्ट से तीन तलाक का आदेश मिला तो उन्होंने इस आदेश की कॉपी हाई कोर्ट बिलासपुर सहित अन्य उच्च पदस्थ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को भेजी। अब हाईकोर्ट रायपुर के इस इस्लामिक कोर्ट की वैधानिकता की जांच कर निर्णय लेंगे। परंतु यह निश्चित है कि मुस्लिम महिलाएं भी काफी पढ़ी-लिखी हैं वह अब इस दकियानूसी बातों को बहुत पीछे छोड़ कर आई हैं। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )