बिलासपुर( 16 फरवरी 2022) [ तपन गोस्वामी द्वारा] रायपुर में इस्लामी कोर्ट के नाम से एक ऐसा समानांतर कोर्ट की जानकारी आई है जिसमें भारतीय कानून मानने के लिए बाध्य नहीं है। और साथ ही जहां पूरे भारत में तीन तलाक को अवैधानिक मानते हुए मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक मुस्लिम एक्ट धारा 4 का प्रावधान किया गया है परंतु रायपुर का इस्लामी कोर्ट तीन तलाक पर निर्णय सुनाते हुए मुस्लिम पुरुषों को तीन तलाक का लाभ दिया। और तीन तलाक का आदेश मुस्लिम कोर्ट के तथाकथित जज काजी साहब दे रहे हैं। और काजी साहब मुस्लिम कोर्ट से जारी तलाक के आदेश अपने हस्ताक्षर कर मुस्लिम महिलाओं के घर भेज रहे हैं। रायपुर में यह इस्लामी कोर्ट काफी दिनों से संचालित है परंतु प्रशासन अब तक आंख मुदे हुई थी। इस्लामी कोर्ट का खुलासा तब हुआ जब रायपुर की एक पढ़ी-लिखी मुस्लिम महिला की जिनकी शादी 18 जुलाई 2020 को डगनिया के एक मुस्लिम युवक से हुई मुस्लिम महिला ने बताई कि उनका किसी भी न्यायालय में तलाक का प्रकरण नहीं चल रहा है। परंतु उनके घर में अचानक रायपुर के किसी इस्लामिक कोर्ट का आदेश आया जिसमें उनके पति द्वारा उन्हें तलाक देने का आदेश था। मुस्लिम महिला चकित हो गई और उस आदेश की प्रति को हाई कोर्ट सहित उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट संज्ञान ली और आज मामले के सुनवाई होगी। तथाकथित इस्लामिक कोर्ट द्वारा दिया गया आदेश गंभीर अपराध की श्रेणी में है इस कारण अपने आप को जज बताने वाले काजी साहब जेल जा सकते हैं। [ ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क ]