बिलासपुर ( 7 मार्च 2022) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] आपको यह अच्छी तरह से मालूम है कि एक डॉक्टर की कोर्ट में दिए गए गवाही ही किसी आरोपी को सजा दिलवा सकती है या निर्दोष साबित कर सकती है। एक डॉक्टर की मेडिकल एक्सपर्ट के रूप में दी गई गवाही ही किसी खूंखार अपराधी को फांसी के फंदे तक पहुंचाती है। चाहे किसी भी अपराधिक घटना से संबंधित एमएलसी रिपोर्ट एवं अप्राकृतिक मृत्यु से संबंधित पोस्टमार्टम रिपोर्ट के चिकित्सकीय मतों के लिए ट्रायल कोर्ट डॉक्टरों को पेशी के लिए बुलाता है परंतु सरकारी डॉक्टर हो या प्राइवेट डॉक्टर कोर्ट से सम्मन मिलने के बाद भी अपनी व्यस्तता के कारण सही समय पर कोर्ट नहीं पहुंच पाते। लगातार अनुपस्थिति के कारण कोर्ट वाद्य होकर इन डॉक्टरों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हैं। इन सब बातों के मद्देनजर छ.ग हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मध्य चर्चा के दौरान यह महत्वपूर्ण मुद्दा सामने आया और निर्णय लिया गया कि अपराधिक मामलों के एक्सपर्ट गवाह के रूप में उपस्थित होने वाले डॉक्टर अब अपनी गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कर सकते हैं यदि कोई गंभीर मसला नहीं हुआ तो डॉक्टरों को गवाही देने के लिए कोर्ट आने की जरूरत नहीं है। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)