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बिलासपुर तोरबा के सीमेंट प्रोडक्ट जमीन पर मनोज उबेरानी का कब्जा। परंतु वास्तव में जमीन पानीकर परिवार की पुश्तैनी है। मनोज उबेरानी के गुंडे काउंटर अटैक से भागे : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]

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बिलासपुर ( 15 अप्रैल 2022 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] दयालबंद यानी सोनकरो का साम्राज्य। अट्टा सोनकर, ऋषभ पानीकर बहुत बड़ा गुंडा । इनसे सब थरथर कांपते हैं। यदि यही बात है तो आज कई प्रतिष्ठित कंपनियां अट्टा सोनकर को रिकवरी एजेंट का काम क्यों दे रही है ? और जहां तक सवाल है ऋषभ पानीकर का तो बहुत पहले से ही मनोज एवं ऋषभ का घनिष्ठ संबंध थे। कई जमीनों के काम ऋषभ पानीकर और मनोज उबेरानी मिलकर किया है। तोरबा के जिस सीमेंट प्रोडक्ट के जमीन पर मनोज उबेरानी अपना व्यवसाय कर रहे हैं वह जमीन वास्तव में पानीकर परिवार की पुश्तैनी जमीन है। पुश्तैनी जमीन की परिभाषा यह है कि वह परिवार जो शुरू से ही उस जमीन पर काबिज हो। परंतु मनोज उबेरानी का परिवार तो बाहर से आकर यहां बसे हैं। उक्त जमीन के कुछ फर्जी दस्तावेज मनोज द्वारा एक स्टांप वेंडर के माध्यम से तैयार करवाया गया है। आज इस मामले में व्यापारी लामबंद हुए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऋषभ के विरोध में एक हिंदू संगठन भी उतरा परंतु इस हिंदू संगठन का ऋषभ का विरोध करना समझ से परे है क्या हिंदू संगठन ऋषभ पानीकर को हिंदू नहीं मानती ? अब हम इस विवाद की शुरुआत 11 अप्रैल की सच्चाई हम आपको बताते हैं। ऋषभ से भयभीत मनोज अपने साथ कई बाउंसर को लेकर चलते थे और तोरबा एवम राजकिशोर नगर के छठे हुए बदमाश भी मनोज के साथ रहते थे। 11 अप्रैल को मनोज उबेरानी ने ऋषभ पानीकर को किसी समझौते के लिए बुलाया था परंतु गुप्त बात यह थी कि मनोज अपने बाउंसर एवं साथ रह रहे असामाजिक तत्वों से ऋषभ पर अटैक करवाता परंतु मनोज के टीम के एक सदस्य ने यहां की योजना ऋषभ को दे दी और वह पूरी तैयारी के साथ यहां पहुंचा मनोज के बाउंसर एवं गुंडे ऋषभ के आक्रमक रुख देखकर भाग खड़े हुए और मनोज अकेले ही मार खाया। मनोज उबेरानी ने पुलिस को कई महत्वपूर्ण बातों की जानकारी नहीं दी। वन टू का फोर और फोर टू का वन के धंधे में मनोज लगा रहा परंतु जब बाजी पलट गई तो उसे पुलिस की याद आई। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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