बिलासपुर ( 3 मई 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] शहर में लगातार अपराधों की बढ़ोतरी हो रही है। आजकल एक कल्चर हो गया और वह है गैंगवार। कार में भरकर 6 या7 लड़के घातक हथियारों से लैस होकर आते हैं घातक हथियारों से मारपीट करते हैं और चले जाते है। क्योंकि उन्हें मालूम है कि घायल व्यक्ति की रिपोर्ट पर पुलिस उन्हें बुलवाएगी और बिना हथियार के जप्त किए आईपीसी की धारा 294,506,323 सभी जमानती धारा लगाकर उन्हें मुचलके पर दुआ सलाम के साथ छोड़ देगी। और जिस पर घातक प्रहार हुआ वह अस्पताल में भर्ती होता है और पुलिस का स्टाफ जो बयान लेने जाता है ऐसा उल्टा सीधा सवाल पूछता है जैसे कि घायल व्यक्ति ही अपराधी है। चार-पांच माह हॉस्पिटल से निकलने के बाद भी वह ठीक से चलने के काबिल नहीं होता । गंगा नगर फेस 2 निवासी गौतम सिंह को अजय सिंह ठाकुर, दिलीप मिश्रा, बोड़कु ठाकुर खुलेआम घातक हथियारों से वार कर घायल कर दिया। और उसके पश्चात हथियारों के बल पर अपहरण करने का भी प्रयास किया। परंतु सिविल लाइन पुलिस का वही गुंडे बदमाशों के साथ दोस्ताना ताल्लुकात रखने वाली धारा 294,506,323 लगाकर थाने से ही गुंडों को मुचलके पर स सम्मान विदा किया । और यही क्रिमिनल गैंग जमानती धारा लगने की खुशी में एक और वारदात कर दिया। क्राइम इन्वेस्टिगेशन यह कहता है कि पुलिस इस तरह के अपराधों के एफआईआर दर्ज करने के पहले क्राइम सिन का निरीक्षण सूक्ष्मता से कर ले आसपास वालों से गोपनीय ढंग से पूछताछ करें और हथियारों एवं उसके प्रकार के विषय में भी जानकारी प्राप्त करें। और यदि हथियारों का सुराग मिले तो उसे जप्त करें। और उसके अनुसार ही एफ आई आर दर्ज करें। मैटेरियल फैक्ट आने के बाद जमानती धारा गैर जमानती धारा में बदल सकती है। नहीं तो गुंडे बदमाश जमानती धारा के बल पर शहर में अराजकता फैलाएगी।( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )