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तहसीलदार रमेश मोर एवं एक भू माफिया ने टेक्निकल फ्रॉड करने के लिए 12 सो नामांतरण विलोपित करवाया । मुख्यमंत्री के जनदर्शन में होगी तहसीलदार रमेश मोर की साक्ष्य सहित शिकायत। मिल सकती है सस्पेंशन की सौगात: तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]

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बिलासपुर ( 11 मई 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] अभी तक प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सौम्य चेहरे से वाकिफ है परंतु 90 विधानसभा के दौरे के प्रारंभिक चरण में जन चौपाल लगाकर जो अधिकारियों की खबर ले रहे हैं और स्पॉट में सस्पेंशन की कार्यवाही हो रही हैं इसे देखकर आम जनता खुश हो रहे हैं और ताली बजा कर अपने मुख्यमंत्री की भरपूर तारीफ कर रहे हैं। परंतु अधिकारियों की हालत खराब हो रही है सबसे रद्दी स्थिति बिलासपुर तहसील की है। यहां पदस्थ तहसीलदार रमेश कुमार मोर पूर्व तहसीलदार एन पी गवेल का छोटा संस्करण साबित हो रहा है। तहसीलदार रमेश मोर दिन भर अपने चेंबर में कुछ खासम खास को बैठाकर शहर एवं आसपास की सरकारी जमीन को बेचने की प्लानिंग करते रहते है। और अचानक अचानक कुछ ऐसे आदेश निकालते हैं जिससे वास्तविक जमीन मालिक परेशान हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि रमेश कुमार मोर कमिश्नर, कलेक्टर एवं एसडीएम से भी अधिक ताकतवर है और कुछ भी आदेश निकाल सकते हैं। अभी-अभी इन्होंने एक आदेश निकाल कर मोपका,मंगला, परसदा,जुना बिलासपुर सहित कुछ क्षेत्रों के जमीन के नामांतरण विलोपित कर दिया है। और यह काम तहसीलदार रमेश मोर शहर के एक भूमाफिया के कहने पर किया है। क्योंकि नामांतरण का लेखा जोखा कंप्यूटर प्रोसेस है। और इसमें जमीन के फर्जीवाड़े करने में फसने के चांसेस होते है। परंतु नामांतरण विलोपित करने से वह एक तरफ से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से अलग हो जाता है और इसके बाद उस जमीन की खरीद बिक्री चुपके से की जा सकती है। 12 सौ नामांतरण विलोपित होने की शिकायत राजस्व सचिव नीलम नामदेव एक्का से की गई है परंतु जांच अभी शुरू नहीं हुई है । इस कारण अब तहसीलदार रमेश मोर के क्रियाकलाप से परेशान जनता अपने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आगमन एवं जन चौपाल के समय प्रकरण आमने सामने रखेंगे। और ऐसे में तहसीलदार रमेश कुमार मोर को सस्पेंशन की सौगात मिल सकती है। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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